- कहा, कांग्रेस 40 फीसदी टिकट महिलाओं को दें
- सरिता आर्य को टिकट मिलेगा तो यशपाल का छोरा कहां से लड़ेगा?
अपने पूर्व सीएम हरदा की लाडली बेटी अनुपमा रावत ने हरदा को मुश्किल में डाल दिया है। अनुपमा ने मांग कर दी है कि उत्तराखंड में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट दिया जाए। मैं अनुपमा का पूरा समर्थन करता हूं। मैं यह भी जानता हूं कि प्रियंका गांधी ने यूपी में क्यों महिलाओं की राजनीति में भागीदारी पर दाव खेला। प्रियंका को पता है कि यूपी में कांग्रेस का बेड़ा गर्क ही होगा चाहे वो टिकट मुसद्दीलाल को दें या मीराबाई को। जब हारना ही तो क्यों न महिला कार्ड खेला जाएं। इसलिए प्रियंका ने यूपी में चाल चल दी लेकिन भोली भाली अनुपमा को लगा कि पिता दिल्ली दरबार की नकल करते हैं तो वह भी कर दें। बस, हाईकमान से उत्तराखंड में भी 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की मांग कर डाली।
सूत्रों से पता चला है कि अनुपमा की इस बेतुकी मांग के कारण दलबदलू यशपाल आर्य और उनके छोरे संजीव आर्य को रात भर नींद नहीं आयी। सुबह का नाश्ता भी नहीं किया। यदि हाईकमान ने बात मान ली और नैनीताल से सरिता आर्य को टिकट मिल गया तो यशपाल का छोरा कहां से चुनाव लड़ेगा? कांग्रेस हो या भाजपा। दोनों ही दल महिलाओं का इस्तेमाल झंडे-डंडे के लिए ही करते हैं। जब टिकट देने की बात आती है तो कहा जाता है महिला है हार जाएगी।
उधर, हरदा को अपने सपने की परवाह है कि वो उत्तराखंड दलित सीएम देखना चाहते हैं। यानी यदि संयोगवश उन्हें प्रदेश का सीएम नहीं बनाया जाता यशपाल आर्य को आगे कर देंगे। उधर, अनुपमा को अपनी चिन्ता है। पिता हरदा बेटे आनंद रावत के लिए फील्ड सजा रहे हैं। वंश बेटे ही आगे बढ़ाते हैं इस मानसिकता को समझ कर क्या अनुपमा ने चाल चल दी है कि महिलाओं को 40 फीसदी टिकट दिये जाएं? यानी हरदा के घर में ही राजनीति हो रही है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]