पूर्व सीएम हरीश रावत जी, आपको पहाड़ की महिलाओं के मान-सम्मान की चिन्ता हो रही है। आज आप सोशल मीडिया पर चिन्ता जाहिर कर रहे हैं। आपको दुख नहीं होना चाहिए कि गृहमंत्री अमित शाह ने घस्यारी योजना शुरू की। इसके लिए भी आप दोषी हो। आपने भी तो हमारी पहचान डेनिस से कराने की कोशिश की। आप जब सत्ता में थे तो आपके सलाहकार और आप स्वयं मैदानी लोगों के हाथों बिक गये थे।
मुझे याद है कि बीजापुर गेस्ट हाउस में रात 11 बजे के बाद आपके पास फाइलें आती थी। आपसे मिलने कोई पहाड़ी आता था तो उसे आप ग्राउंड फ्लोर पर मिलते थे लेकिन यदि कोई बाहरी यानी यूपी, हरियाणा या दिल्ली से आता था तो उसे अपने साथ ऊपरी मंजिल पर ले जाते थे। ये जो पहाड़ के साथ भेदभाव हो रहा है तो इसके लिए आप भी जिम्मेदार हैं। यदि आपको सच में पहाड़ की इतनी चिन्ता है तो आपको जनता से अपने पूर्व के जनविरोधी कार्यों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]