- क्लाउड सीडिंग से हो सकती है बारिश और कम बारिश
- रूस के साइंसटिस्ट प्रो. यूरी तकेचेनको की थ्योरी है मैगनेटिक टेक्नोलॉजी
आज अपने स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत जी, जो किसी विषय में डाक्टर भी हैं। उनकी सोशल मीडिया पर फजीहत हो रही है। कारण, उन्होंने यह बयान दे दिया कि एप से बारिश को नियंत्रित किया जा सकता है। बस, सोशल मीडिया पर वो ट्रोल होने लगे। दरअसल, ये एप नहीं बल्कि तकनीक है। मैगनेटिक टेकनीक। इसको इजाद करने में रसियन साइंसटिस्ट प्रो. यूरी तकेचेनको की अहम भूमिका रही है। यह तकनीक क्लाउड सीडिंग से इतर है। इसमें मैगनेटिक फोर्स का इस्तेमाल कर बादलों में बूंदों का साइज बड़ा दिया जाता है। इसमें कोई कैमिकल इस्तेमाल नहीं किया जाता। क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश। जून माह में यूएई में इसी तकनीक से बारिश की गयी। चीन भी इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस तकनीक के माध्यम से सिल्वर आयोडाईड का उपयोग कर बादल तैयार किये जाते हैं और इलेक्ट्रिक शॉक देकर बारिश होती है। तकनीक से अतिवृष्टि को भी रोका जा सकता है।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]