बदरीनाथ में ही गंगा हो रही प्रदूषित

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  • होटलों और आश्रमों की गंदगी गिर रही अलकनंदा में
  • एसटीपी प्लांट होने के बावजूद नियमों की उड़ रही धज्जियां

एक दिन पहले चमोली के पर्यटन व्यवसायियों ने क्षेत्रपाल विरही में पर्यटन मंत्रालय की एक कार्यशाला में गंगा की स्वच्छता और निर्मलता की शपथ ली। लेकिन बदरीनाथ की यह तस्वीर तो कुछ और ही बयां कर रही है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का काम चल रहा है। यह काम भी गुजरात के ठेकेदार कर रहे हैं। इस दौरान पता चल रहा है कि कल होटलों और आश्रमों की गंदगी सीधे अलकनंदा में गिर रही है। जबकि बदरीनाथ धाम में तीन एसटीपी प्लांट हैं। साफ है कि न तो स्थानीय प्रशासन को गंगा की सुध है और न ही व्यवसायियों को। यह भी गजब की बात है कि बताया जा रहा है कि वहां एक संस्था ने हॉस्पिटल बनाने के लिए सरकार से जमीन ली और आश्रम बना दिया।
इस संबंध में मैंने बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से बात की तो उन्होंने कहा कि डीएम से बात की। डीएम ने कहा कि यह तो सामान गिराने का पाइप है। उन्होंने कहा कि इस मामले को उठाएंगे। तस्वीर में जो नीले पाइप है वही सामान गिराने का है लेकिन तस्वीर में दिख रहा है कि चार शॉकपिट (पाइप) सीधे अलकनंदा में गिर रहे हैं।
यदि बदरीनाथ में ही ऐसा हो रहा है तो पीपलकोटी से लेकर जोशीमठ तक क्या हो रहा होगा? गंगा कितनी निर्मल होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। साफ है कि नमामि गंगे में बड़ा झोल है।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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