कल मत्स्य पालन कर रहे किसानों की समस्याओं को लेकर मंगलौर के कई गांवों में दिन भर भटका। किसानों की समस्या पर बाद में लिखूंगा। लेकिन इस बीच थीथकी कवादपुर गांव में एक किसान कंटू राम जी मिले। आप यकीं करें न करें, लेकिन यह सच है कि कंटू राम 103 वर्ष के हैं। अपने आसपास लोगों को आते देख उन्होंने अपने सिर पर पगड़ी बांधनी शुरू कर दी। जब मैं उनसे मिला तो हाथों में तंबाकू था।
मैंने पूछा, बाबा तंबाकू खा रहे हो तो बोले, सूंघता हूं। सच है कि वह तंबाकू का बारीक चूरण सूंधते हैं। उनकी खाने की डाइट भी ठीक है। उनके बेटे पूर्व दर्जाधारी नेपाल सिंह कश्यप बताते हैं कि वह पूरी तरह से वेजिटिरियन रहे हैं। समोसा उनको बहुत प्रिय है। दूध पीते हैं। सबसे अहम बात यह है कि कन्टू राम दो युवकों के साथ गांव से दूर गन्ने के खेतों के बीच बने अपने पांच तालाबों की देखभाल भी करते हैं। उन्होंने 400 बतख भी पाली हुई हैं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]
#103_year_old_farmer_with_Gunanand_Jakhmola_Uttarakhand