हरेला माह खत्म हो गया और धाद का महाअभियान भी। कम से कम धाद के पौधे लगाने के अभियान की सराहना तो कर लो। धाद एक कर्मठ लोगों की टीम है जो उत्तराखंड की प्रकृति, संस्कृति और उत्पादकता की पक्षधर है। स्मृति वन में नामी लोगों की याद में सौ से अधिक पेड़ लगाए गये हैं और यह बड़ी बात है कि अधिकांश पेड़ जिन्दा हैं।
चूंकि इस संस्था में अधिकांश सरकारी लोग हैं इसलिए जब भी प्रदेश में विकास के नाम पर पेड़ काटे जाते हैं, सब मौन रह जाते हैं। लेकिन हर साल पूरे हरेला माह के दौरान पौधे़ लगाकर जंगल बचाते हैं, स्कूली बच्चों को जागरूक करते हैं। धाद के प्रयासों की जोरदार सराहना की जानी चाहिए।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]