आखिर मंत्री चंदन रामदास को क्यों जाना पड़ा मेदांता?

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  • नेताओं और अफसरों ने अरबों-खरबों कमाए, अपने लिए एक अस्पताल नहीं बनाया
  • दस्त लगते हैं तो भी दौड़ जाते हैं दिल्ली- गुड़गांव

कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के जल्द स्वस्थ होने की कामना। लेकिन लाख टके का सवाल यह है कि आखिर चंदन रामदास या अन्य वीवीआईपी नेताओं या नौकरशाहों को छींक भी आती है तो उन्हें मेदांता या अपोलो या दिल्ली एम्स की दौड़ लगानी पड़ती है, आखिर क्यों?
जानकारी के अनुसार सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की तबीयत बिगड़ी। उन्हें दून अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था तो मैक्स ले जाया गया। मैक्स में उनके निकट खड़े हो गये स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह। बेचारे धन सिंह तो पीएचडी वाले डाक्टर हैं। सो चंदन रामदास की तबीयत नहीं सुधरी। बस, फिर क्या था वही मेदांता। डा. त्रेहान का सेवन स्टार हॉस्पिटल। उत्तराखंड के सभी नेताओं की दौड़ मेदांता में ही लगती है।
पिछले 21 साल में प्रदेश में 11 सीएम हो गये। 100 से भी अधिक कैबिनेट मंत्री हो गये। 350 से भी अधिक विधायक हो गये। इन नेताओं के पास पूरे उत्तराखंड की कुल संपत्ति का 90 प्रतिशत भाग है। लेकिन इतने सारे नेता मिलकर अपने लिए एक ऐसा अस्पताल नहीं बना सके, जहां इनका इलाज हो सके। जनता के इलाज की बात तो दूर की कौड़ी है। खैर, डबल इंजन सरकार अब डबल इंजन स्क्वायर हो गया है। शायद अब कुछ हो।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

 

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