- तीसरी कक्षा का छात्र रेयांस बोला, मां, संडे को ही बात करती है
- शहीद नायक दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति दो बच्चों की मां है
10 अप्रैल की सुबह। सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल के नये शैक्षणिक स़त्र का आगाज 60 प्लस आयु के फुटबाल मैच से हुआ। उद्देश्य था बच्चों को संदेश देना कि मोबाइल छोड़ो, गेम्स खेलो। फिट रहने के लिए खेल जरूरी हैं। इस मौके पर नेशनल चैंपियन बॉडी बिल्डर प्रतिभा थपलियाल और लेफ्टिनेंट ज्योति नैनवाल मुख्य अतिथि थे। मैंच के बाद मैंने लेफ्टिनेंट ज्योति से कहा कि आपका बेटा तो बड़ा हो गया होगा। बेटे के बारे में सुनकर ले. ज्योति की आंखों में चमक उभर आई। बोली, यहीं पढ़ता है। तीसरी कक्षा में है और बेटी लावण्या छठी कक्षा में है। दरअसल, बलूनी ग्रुप शहीदों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देता है।
मैंने कहा, मुझे उससे मिलना है। ले. ज्योति मुझे अपने बेटे रेयांस के पास ले गयी। बेटा बाल सुलभ व्यवहार के साथ मां से लिपट गया। ले. ज्योति के चेहरे पर जबरदस्त मुस्कान आ गयी। मैंने पूछा, मम्मी आपसे बात करती है? वह बड़ी मासूमियत से बोला, मम्मी, संडे को ही बात करती है।
दरअसल, ले. ज्योति की पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर है और सीमा पर परिवार ले जाने की अनुमति नहीं है। ले. ज्योति की पहली पोस्टिंग अरुणाचल में हुई है। वह बताती हैं कि बच्चों से कभी बात हो जाती तो कभी समय नहीं मिलता।
ले. ज्योति नैनवाल पहाड़ की वीरांगनाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके पति दीपक नैनवाल सेना में थे और 2018 में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गये थे। ज्योति तब गृहिणी थी। उनके दो बच्चे थे। ज्योति ने हिम्मत नहीं हारी और वह परिस्थितियों से मुकाबला करने में जुट गयी। उनकी मेहनत रंग लाई और एसएसबी की कठिन चुनौती को पार कर सेना में बतौर अफसर चुन ली गयी। प्रशिक्षण के बाद वह लेफ्टिनेंट के तौर पर पिछले डेढ़ साल से अरुणाचल में चीन सीमा पर तैनात है। ले. ज्योति की बेटी लावण्या का कहना है कि वह भी अपने माता-पिता की तरह ही सेना में अफसर बनेंगी।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]