‘कहानी 1971 युद्ध की, धर्मनगर से सिलहट तक‘ का विमोचन

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  • इंग्लैंड के नौटिघम में हुआ विमोचन, पुस्तक की लेखिका हैं शिक्षाविद इरा कुकरेती
  • उत्तरजन टुडे का प्रकाशन की दिशा में विधिवत प्रवेश, देहरादून में होगा पुस्तक का लोकार्पण

स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन इंग्लैंड के नौटिंघम शहर में शिक्षाविद् इरा कुकरेती की पुस्तक ‘कहानी 1971 युद्ध की, धर्मनगर से सिलहट तक‘ का विमोचन प्रवासी भारतीयों द्वारा किया गया। यह पुस्तक 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध की सच्ची घटनाओं पर आधारित है। लेखिका इरा कुकरेती ने अपने पति कर्नल राकेश कुकरेती के संस्मरणों के आधार पर यह पुस्तक लिखी है। पुस्तक बहुत ही रोचक अंदाज से लिखी गई है। कर्नल राकेश कुकरेती ने इस युद्ध में भाग लिया था। पुस्तक में मानवीय पहलुओं और युद्ध की विभीषिका का मर्मस्पर्शी वर्णन है। पुस्तक में 6 राजपूत के वीर जवानों और अफसरों के युद्ध के दौरान भूमिका, त्याग और सर्वोच्च बलिदान की गाथा है।
लेखिका इरा कुकरेती के अनुसार नौटिंघम में इस पुस्तक को जबरदस्त रिस्पांस मिला और इसकी सभी प्रतियां बिक गयीं। प्रवासी भारतीयों ने लेखिका के इस प्रयास को खूब सराहा। मुझे उम्मीद है कि भारत में भी इस पुस्तक को जबरदस्त रिस्पांस मिलेगा। लेखिका ने बहुत ही रोचक और मर्मस्पर्शी ढंग से यह पुस्तक लिखी है कि पाठक अंत तक बंधा रहेगा। हालांकि उनकी बाल कविताओं की एक पुस्तक ‘उजली भोर‘ भी मैंने ही प्रकाशित की थी, लेकिन कहानी के तौर पर उनकी यह पहली पुस्तक है।
मेरे लिए यह असीम खुशी की बात है कि इस पुस्तक का प्रकाशन उत्तरजन टुडे नेटवर्क ने किया है। इससे पूर्व भी मैंने एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकों का प्रकाशन किया है लेकिन यह पहला मौका है जब मैंने विधिवत तौर पर इसका प्रकाशन किया। आशय यह है कि उत्तरजन अब पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य भी करेगा।
मैं लेखिका इरा कुकरेती द्वारा जताये गये विश्वास के लिए उनका आभारी हूं। मुझे उम्मीद है कि भारतीय पाठक भी इस पुस्तक को खूब पसंद करेंगे।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

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