दो दोस्तों ने बदल दी उत्तराखंड की तकदीर

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  • डा. जयंत नवानी और डा. विमल नौटियाल की अटूट दोस्ती
  • दून में सबसे पहले खोला था मल्टी स्पेश्यलिटी हास्पिटल दून नर्सिंग होम

आज धाद के स्मृति वन में जब रिमझिम बारिश हो रही थी तो प्रदेश के दो नामी डाक्टर दोस्त आपस में बड़े ही प्यार और सधे कदमों से वन में टहल रहे थे। डा. विमल नौटियाल ने छाता पकड़ा था और डा. जयंत नवानी उनके कंधे पर हाथ रखकर आगे बढ़ रहे थे। मजे की बात है कि दोनों ही आर्थो सर्जन यानी हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। डा. नवानी ने पहले ईरान में इराक-ईरान युद्ध में घायल सैनिकों का उपचार किया तो बाद में ओमान में डाक्टरी की। डा. विमल नौटियाल ने लंदन में डाक्टरी की। दोनों को पहाड़ से अगाध प्रेम है तो वापस देश लौट आए।
1991 में डा. नवानी ने जब दून नर्सिंग होम खोला तो डा. नौटियाल ने आर्थो का मोर्चा संभाला। उन दिनों देहरादून में अच्छे हड्डी रोग विशेषज्ञ भी नहीं थे और न ही यहां कोई मल्टी स्पेश्यिलिटी अस्पताल था। दोनों डाक्टर आज भी गांवों में जाकर मेडिकल कैंप करते हैं और साथ में अन्य विशेषज्ञ डाक्टरों को भी ले जाते हैं। आज डा. विमल नौटियाल परम हास्पिटल के चेयरमैन और मालिक हैं तो डा. नवानी दून नर्सिंग के। दोनों दोस्तों की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना। दोनों को मित्रता दिवस की शुभकामनाएं।
[वरिष्‍ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]

दोस्ती हो तो ऐसी जिस पर नाज हो

 

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