- आखिर हरदा ने देश और प्रदेश को 50 साल दिये हैं
भाजपा के पांच और एक निर्दलीय विधायक ने सीएम धामी के लिए सीट छोड़ने की पेशकश की है, भले ही वो नंबर बढ़ाने के लिए कह रहे हों और अब उन्हें यह धुकधुकी रहेगी कि कहीं धामी सीट न मांग लें। खैर, भाजपाई से तो हाईकमान निपट लेगी। वहां तो सब मोदी के चेहरे पर जीते हैं।
असल बात कांग्रेस की है। हरदा ने क्या 50 साल में एक भी आदमी नहीं कमाया जो उनके लिए विधायकी छोड़ दें। हरदा उम्र के उस पड़ाव में हैं कि वो 2027 का इंतजार नहीं कर सकते। तब वो 80 पार हो जाएंगे। इसलिए यदि अब कोई उनके लिए सीट छोड़ दें तो वो सीएम भले ही नहीं बने, लेकिन उपचुनाव जीत कर विधायक बन सकते हैं।
मेरे साथी पत्रकार कहते हैं कि कोई कांग्रेसी नहीं छोड़ेगा। उनका तर्क है कि हरदा वो बरगद हैं जिसने किसी को पनपने ही नहीं दिया। उनके अनुसार पंजाब और उत्तराखंड में कांग्रेस को गड्ढे में हरदा ने ही धकेला है। मैं जानता हूं मेरे दोस्त झूठ बोल रहे हैं। अनुपमा तो पिता के लिए सीट छोड़ देगी। बेटी आखिर बेटी होती है। लेकिन क्या अनुपमा से अलावा कोई और विधायक है क्या?
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]