- 19 प्रतिशत वोट पर आप की नजर
- दस प्रतिशत वोट मिले तो 7-8 सीटें मिलनी तय
अब तक आम आदमी पार्टी को जो विपक्षी दल हलके में ले रहे थे अब उनके जागने की बारी है। आप की कल की रैली के बाद यह तो तय हो गया है कि अरविंद केजरीवाल की घोषणाओं और कर्नल अजय कोठियाल की मेहनत के सकारात्मक नतीजे आने लगे हैं। देहरादून में दस हजार लोगों की भीड़ जुटाना कम नहीं है। अरविंद केजरीवाल दिल्ली से हर बार एक नया आइडिया लेकर आते हैं और उसे भरपूर जोर से प्रदेश भर में उछाला जाता है। फ्री बिजली, रोजगार, भत्ता, महिलाओं को एक हजार रुपये, तीर्थयात्रा और अब पूर्व सैनिकों को रोजगार और शहीदों के परिजनों को एक करोड़ देने की घोषणा से भाजपा-कांग्रेस में खलबली होगी।
राजनीतिक तौर पर आप का यह दाव सटीक लगा है। उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस का कैडर वोट बैंक है। इसके इतर 19 प्रतिशत वोट अब भी न्यूट्रल है। आप की नजर इसी 19 प्रतिशत वोट पर है। राजनीति में सारी बातें वोट प्रतिशत पर आकर समाप्त होती हैं। यदि उत्तराखंड में वोट प्रतिशत का आंकलन किया जाएं तो यूकेडी ने 2002 और 2007 में लगभग 5.5 प्रतिशत मत हासिल किये और उसे पहली बार चार और दूसरी बार तीन सीटें मिल गयी थी। 2012 में 3 प्रतिशत वोट लेकर भी यूकेडी को एक सीट मिल गयी थी। तब बसपा को महज 11 प्रतिशत वोट मिले और उसको 8 सीटें मिल गयी थीं। 2017 में भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर किसी भी दल को 4 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिले। ऐसे में भाजपा को न्यूट्रल वोट मिले। यह भी उल्लेखनीय है कि 2017 में मोदी की जबरदस्त लहर होने के बावजूद कांग्रेस के परम्परागत वोट बैंक में केवल दशमलव 6 प्रतिशत की ही गिरावट आई।
यदि वोट प्रतिशत के आंकड़ों को आधार माना जाए और आप को 19 प्रतिशत वोटो में से 10 प्रतिशत वोट भी मिल जाएं तो आप इस बार किंगमेकर बन सकती है। हालांकि यह सब दुखद है कि तीन बडी पार्टियों की लड़ाई में हिमालय, पहाड़ और पहाडि़यत यानी असल मुद्दे गौण हो गये हैं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]