– देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पाजिटिविटी रेट महज साढ़े तीन फीसदी
– पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चमोली में यह दर 10 फीसदी से अधिक
– कोरोना को लेकर पहाड़-मैदान में दोहरा मापदंड क्यों?
प्रदेश सरकार ने एक जून को आठ जून तक के लिए कोरोना को लेकर नई एसओपी जारी की है। हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर वाले यदि पर्वतीय क्षेत्रों में जाएं तो उनके लिए आरटीपीसीआर जरूरी की गई है। जबकि गंभीर बात यह है कि देहरादून और हरिद्वार के मुकाबले पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में संक्रमण दर मैदानी जिलों की तुलना में तीन गुणा अधिक है। ऐसे में मैदानी जिलों के लोगों को पर्वतीय जिलों में जाने के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट का कोई औचित्य नहीं है। एक राज्य में दोहरे मापदंड क्यों? प्रदेश में कोरोना संक्रमण मामलों के डाटा जुटा रहे अनूप नौटियाल के अनुसार 24 से 30 मई के दौरान पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चमोली में पाजिटिव रेट 10 फीसदी से अधिक है। इसके अलावा नैनीताल, रुद्रप्रयाग और टिहरी में पाजिटिविटी रेट 8 फीसदी से अधिक है। जबकि देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में यह दर 3.5 फीसदी है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि एसओपी एक समान बनाई जाएं। या तो सभी जिलों के लिए आरटीपीसीआर नेगेटिव जरूरी की जाएं या सभी को इससे छूट दी जाएं। सरकार का गाइडलाइन में दोहरा मापदंड ठीक नहीं।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]