शिमला, 1 अप्रैल। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कुल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 4,481 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 3,464 करोड़ रुपये था। इस वर्ष इसमें 29 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में जीएसटी संग्रह में 31 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह 344 करोड़ रुपये रहा, जबकि मार्च 2021 में यह 263 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान विभाग द्वारा कर संग्रहण में एकरूपता लाते हुए वर्ष भर इसमें बेहतर कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व संग्रह में यह सकारात्मक वृद्धि विभाग द्वारा कर संग्रहण और अनुपालना के दृष्टिगत किए गए विभिन्न प्रशासनिक उपायों और नीतियों की पहल का परिणाम है। विभाग ने जीएसटी नेटवर्क द्वारा विकसित विभिन्न सूचना प्रौद्योगिकी उपायों (आईटी टूल्स) की सहायता से जीएसटी कर चोरी के विभिन्न मामले पकड़े और संदेहास्पद करदाताओं पर नजर रखने के लिए भी इन सूचना प्रौद्योगिकी उपायों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि सिस्टम की क्षमता बढ़ाने, अंतिम तिथि के उपरान्त भी रिटर्न जमा न करने वालों पर दबिश, क्षेत्रीय अधिकारियों के प्रदर्शन की निगरानी, ई-वे बिलों का भौतिक सत्यापन एवं उन्हें ब्लॉक करने तथा ऐसे ही अन्य उपायों से रिटर्न जमा करने में निरंतर सुधार आया है। टैक्स हाट कार्यक्रम के अंतर्गत् विभाग द्वारा करदाताओं के विभिन्न मामलों का समयबद्ध निस्तारण करने की भी पहल की गई। राज्य मंत्रिमंडल से विभाग को नया स्वरूप प्रदान करने के प्रस्ताव की सैंद्धांतिक मंजूरी से आगामी वित्तीय वर्ष में वस्तु एवं सेवा कर राजस्व प्राप्ति को और बल मिलेगा। विभाग द्वारा जीएसटी संग्रह में और सुधार के दृष्टिगत क्षमता और राजस्व वृद्धि परियोजना की भी परिकल्पना की गई है।