मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए संशोधित मास्टर प्लान तैयार

1276

शिमला, 10 नवंबर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने मंडी में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का आवश्यक भूमि सहित संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है ताकि इसकी हवाई पट्टी (रनवे) के अभिविन्यास (ओरियंटेशन) का निर्धारण और परामर्शकर्ता द्वारा ओएलएस चार्ट तैयार किया जा सके। वह आज यहां मंडी हवाई अड्डा विकास से संबंधित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रनवे का संरेखण (अलाइन्मेंट) तय करने के लिए वैपकोस लिमिटेड द्वारा लेडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण इसी वर्ष 21 जुलाई को पूरा हुआ था और वैपकोस लिमिटेड/मै. जियोकनो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारतीय विमानन प्राधिकरण को लेडार सर्वेक्षण का डाटा प्रस्तुत कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय द्वारा पूर्व में दी गई साइट क्लीयरेंस तथा जमा करवाए गए मास्टर प्लान के अनुसार यहां 2100 मीटर रनवे के निर्माण तथा दक्षिण भाग में इसके 1050 मीटर संभावित विस्तार के साथ योजना तैयार की गई थी। उन्होंने कहा कि हवाई लेडार सर्वेक्षण और केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के साथ आयोजित बैठक के बाद यहां 3150 मीटर लंबी हवाई पट्टी की संभावना तलाश करने पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि इस आधार पर विश्लेषण के उपरांत हवाई पट्टी की लंबाई दक्षिण भाग के बजाय उत्तरी भाग में 1050 मीटर करने पर कार्य किया गया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हवाई पट्टी की दिशा में प्रमुख बदलाव के उपरांत अब यह एबी-320 प्रकार के हवाई जहाजों के संचालन के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे से वर्ष भर विमानों का संचालन संभव होगा और कैट-आई लाइटिंग सिस्टम से रात्रि के समय भी विमानों का संचालन किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक संयुक्त उपक्रम कंपनी बनाने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश में न केवल बेहतर हवाई सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा देगी, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस परियोजना के वित्तपोषण के लिए मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने इस बड़ी परियोजना के लिए 1000 करोड़ रुपये की सिफारिश की है।
बैठक में मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव सुभाशीष पांडा और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप के अतिरिक्त वर्चुअल माध्यम से उपायुक्त मंडी अरिन्दम चौधरी और अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।

प्रदेश में कुष्ठ रोगियों का किया जा रहा निःशुल्क उपचार

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here