काजा (लाहौल-स्पीति), 27 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति के अति दुर्गम क्षेत्र काजा के खंमीगर ग्लेशियर में पश्चिम बंगाल के 4 ट्रैकर और 10 पोटर फंस गए हैं। वहीं दो ट्रैकरों की मौत हो चुकी है। इस बात की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया है। स्पीति प्रशासन को आज सुबह इस 18 सदस्यीय ट्रैकिंग दल के दो सदस्यों ने काजा पहुंच कर बाकी साथियों के फंसे होने और दो की मौत होने की सूचना प्रशासन को दी। स्पीति प्रशासन ने तुरंत 32 सदस्यीय रेस्क्यू टीम का गठन करके मौके पर रवाना कर दिया। इस रेस्कयू टीम में 16 आईटीबीपी के जवान, 6 डोगरा स्काउट के जवान व चिकित्सक शामिल हैं और इसके साथ 10 पोटर भी भेजे गए हैं।
डीसी नीरज कुमार ने बताया कि 15 सितंबर को इंडियन माउंटेनियरिग फाउंडेशन पश्चिम बंगाल के 6 सदस्य बातल से काजा वाया खंमीगर ग्लेशियर ट्रैक को पार करने के लिए रवाना हुआ थे। इनके साथ 12 पोटर भी शामिल हैं। प्रशासन को मिली सूचना के मुताबिक तीन ट्रैकर, एक शेरपा (लोकल गाइड) और 10 पोटर भी खंमीगर ग्लेशियर (5034 मीटर) में फंसे हुए हैं। रेस्क्यू टीम को खमींगर पहुंचने में तीन दिन लगेंगे। हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू करने के लिए बातचीत की गई है। वहां पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से नहीं पहुंचा जा सकता है। इसलिए 32 सदस्यीय रेस्क्यू दल का गठन किया गया है। रेस्क्यू कार्य पिन घाटी के काह गांव से शुरू होगा। पहले दिन 28 सितंबर को काह से चंकथांगो, दूसरे दिन चंकथांगो से धार थांगो और अंतिम दिन धारथांगो से खमींगर गलेशियर रेस्क्यू टीम पहुंचेगी। वहीं तीन दिन वापिस खंमीगर गलेश्यिर से काह पहुंचने में लंगेगे।
उधर, प्रशासन को दी गई सूचना के अनुसार मरने वाले दो ट्रैकरों के नाम भास्कर देव मुखोपाध्याय (आयु 61 साल) निवासी कोलकाता, पश्चिम बंगाल और संदीप कुमार ठाकुराता (आयु 38 साल) निवासी बेलगोरिया, पश्चिम बंगाल बताए गए हैं। वहीं देबाशीष निवासी मिलन पार्क गरिया, रणधीर राय रामकृष्ण निवासी पाली, तपस कुमार दास चितरंजन निवासी बरधवान और अतुल गलेशियर में फंसे हुए हैं। इनके साथ दस पोटर भी मौजूद हैं।
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