सांगला, 15 सितंबर। किन्नौर जिले के सांगला में अपने प्रवास के पहले दिन आज अंबेडकर भवन में जिला प्रशासन और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि किन्नौर को पर्यटन की दृष्टि से और विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं जिन पर काम करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण को ध्यान मेें रखते हुए यहां पर्यटन योजना के तहत कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किन्नौर में ईको टूरिज्म के तहत यहां अगर व्यापक स्तर पर ठहरने की व्यवस्था होती है तो बाहर से आने वाला पर्यटक यहां रूकेगा जिसका स्थानीय स्तर पर काफी लाभ होगा और लोगों की आर्थिकी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
उन्होंने जन प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है और वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक उत्पादों की मांग है। उन्होंने कहा कि किन्नौर का सेब विश्व में प्रसिद्ध है और गोवा में भी किन्नौर के सेब की बहुत अधिक मांग है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जोड़ने पर यहां का सेब और अधिक ऊंचाइयां हासिल करेगा और लोगों को रसायनमुक्त उत्पाद मिलेगा। उन्होंने प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
उन्होंने लोगोें से सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया।
इस अवसर पर उन्होंने 10 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना के तहत निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए।
इससे पूर्व, किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पहली बार किन्नौर प्रवास पर हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और संस्कृति का भरपूर आनंद लेंगे। उन्होंने प्रशासन के माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं से राज्यपाल को अवगत करवाया।
इस अवसर पर उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि पंचायतों में उन्हें सरकारी योजनाओं का व्यापक लाभ मिल रहा है। उन्होंने राज्यपाल से करच्छम से निथल-थाच तक जा रहे मार्ग को स्तरोन्नत करने के लिए सड़क का मामला उचित स्तर पर उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्र की अन्य मांगों से राज्यपाल को अवगत करवाया।
अधिकतर पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने गांव को मंडल बनाने के लिए उत्साहित दिखे। उन्होंने सांगला में पर्यटन अटल बिहारी वाजपेयी प्रशिक्षण संस्थान आरंभ करने का आग्रह किया ताकि रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को आरंभ करने के लिए उनके पास जमीन भी उपलब्ध है।
पुलिस अधीक्षक विवेक चाहल, जिला प्रशासन के अधिकारी, विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।