पंचवटी पार्कों में सजेगी बुजुर्गों की खुशियों की चौपाल

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धर्मशाला, 16 जून। ग्रामीण स्तर पर निर्मित पंचवटी पार्क ने बुजुर्गों तथा बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। सरकार द्वारा निर्मित पंचवटी पार्कों में बुजुर्गों की खुशियों की चौपाल सजा करेगी। ग्रामीण स्तर पर बुजुर्गों के लिए प्रात कालीन तथा सांयकालीन भ्रमण के लिए ट्रैक निर्मित किए गए हैं। बच्चों के लिए अत्याधुनिक तकनीक से बने झूले स्थापित किए गए हैं ताकि खुले वातावरण में बुजुर्ग तथा बच्चे शारीरिक व्यायाम करके स्वस्थ रह सकें। जिला कांगड़ा के मरूंह, धीरा बलोटी तथा बैरघट में पंचवटी पार्कों तैयार हो गए हैं। यहां पर सामाजिक दूरी के साथ बुजुर्ग भ्रमण का आनंद भी उठाने लगे हैं। इन पार्कों के निर्माण पर पांच-पांच लाख की राशि व्यय की गई है।
मरूंह निवासी अशोक कुमार, संजीव कुमार का कहना है कि ग्रामीण स्तर पर बुजुर्गों तथा बच्चों को घूमने तथा खेलने के लिए कोई उपयुक्त जगह नहीं होती थी, जिस कारण से बुजुर्ग घरों तक ही सिमट कर रह गए थे लेकिन सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर पंचवटी पार्कों का निर्माण करवाकर एक बेहतर सुविधा दी है। इसके चलते बुजुर्गों को भ्रमण के लिए बेहतर सुविधा मिलेगी और इससे स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। कांगड़ा जिला में 46 पंचायतों में पंचवटी पार्कों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, 14वें वित्‍तायोग से 246 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें बैजनाथ ब्लाक में एक, भवारना में पांच, देहरा ब्लाक में एक, धर्मशाला ब्लाक में चार, फतेहपुर में एक, इंदौरा में एक, कांगड़ा ब्लाक में पांच, लंबागांव में दो, नगरोटा बगबां में चार, नगरोटा सूरियां में दो, नूरपुर में एक, पंचरूखी में दो, प्रागपुर में दो, रैत में एक तथा सुलह में 14 पंचवटी पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें से तीन पंचवटी पार्क तैयार हो गए हैं।

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राज्य सरकार ने गत वर्ष ही पंचवटी योजना का शुभारंभ किया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ नागरिकों को मनोरंजन के साथ साथ पार्क तथा बागीचों की सुविधा उपलब्ध करवाना है। जैसे गांवों में वर्षों पहले बुजुर्गों की चौपाल पीपल के पेड़ के नीचे सजती थी अब यह चौपाल पंचवटी पार्कों में सजेगी। हर पार्क में अत्याधुनिक व्यायाम और मनोरंजन के उपकरण, एक मीटर चौड़ा तथा 150 मीटर लंबा जोगिंग ट्रैक, पैदल चलने का ट्रैक तथा ध्यान और व्यायाम के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही महिला तथा पुरूषों के लिए अलग अलग शौचालय निर्मित किए गए हैं, सुलह ब्लाक में निर्मित तीन पंचवटी पार्कों में आयुर्वेदिक तथा औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं।
इन पंचवटी पार्कों में स्वयं सहायता समूहों के स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए भी उपयोग किया जाएगा। उपनिदेशक डीआरडीए सोनू गोयल ने बताया कि सभी विकास खंड अधिकारियों को पंचवटी पार्कों के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन तथा 14वें वितायोग के माध्यम से किया गया है तथा इन पार्कों का निर्माण समयबद्व पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि ग्रामीण स्तर के बुजुर्गों भ्रमण तथा बच्चों को खेलने के लिए बेहतर सुविधा मिल सके।

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