शिमला, 5 मई। न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने आज यहां हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक भी उपस्थित थे।
इस समारोह का आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में हुआ। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने शपथ समारोह की कार्यवाही का संचालन किया और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के संबंध में भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति वारंट पढ़ा।
राज्यपाल के सचिव विवेक भाटिया ने शपथ पत्र पर राज्यपाल और माननीय न्यायाधीश के हस्ताक्षर प्राप्त किए। लेडी गवर्नर अनघा आर्लेकर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा, जीओसी-इन-सी आरट्रैक लेफ्टिनेंट जनरल एस.एस. महल, महाधिवक्ता अशोक शर्मा, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौण्डल, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, न्यायालय के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
जीवन परिचय
न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य का जन्म 22 दिसबर 1963 को हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लेडी इरविन स्कूल शिमला और राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लालपानी शिमला से ग्रहण की है। उन्होंने राजकीय डिग्री महाविद्यालय शिमला से स्नातक व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से कानून की डिग्री प्राप्त की। वह वर्ष 1986 में बार काउंसिल ऑफ हिमाचल प्रदेश के साथ एक वकील के रूप में नामित हुए। उन्होंने जिला न्यायालयों और उच्च न्यायालयों की कानून की सभी शाखाओं में अभ्यास किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, नगर निगम शिमला और अन्य विभिन्न बोर्डों, निगमों और समितियों के लिए कानूनी सलाहकार एवं स्थायी अधिवक्ता के रूप में कार्य किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ-साथ निजी पार्टियों के लिए मध्यस्थता की तथा उन्होंने कई मामलों में प्रशिक्षित मध्यस्थ के रूप में काम किया। वह विभिन्न कानूनी सहायता कार्यक्रमों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी और हिमाचल लोक प्रशासन संस्थान में अतिथि के रूप में व्याख्यान दिए। उन्हें कई मामलों में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा न्याय मित्र के रूप में नियुक्त किया गया तथा 2015 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए। वह हिमाचल प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए और 26 जून 2021 को पद ग्रहण किया।