जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए करेंगे साझा प्रयास

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शिमला, 20 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति, राजस्व, बागवानी व सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुर्वेद मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने आज यहां से जल जांच किटयुक्त जीवनधारा मोबाइल मेडिकल यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जल शक्ति विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के साथ मिलकर जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही जीवनधारा योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिट में जल जांच की सुविधा भी उपलब्ध करवाएगा। इस बारे में 15 मार्च को जल शक्ति विभाग व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के मध्य दोनों विभागों के दायित्व को सुनिश्चित करते हुए एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के दिशानिर्देशों के अनुसार पेयजल स्रोतों और वितरण प्रणाली से नमूनों की जांच का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है, ताकि जल गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए प्रदेश में प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ ढांचा तैयार किया जा रहा है। अभी तक 60 प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं, जिनमें से सात इसी वर्ष स्थापित की गई हैं। इन प्रयोगशालाआंे में से 50 को उच्च मानकों के आधार पर राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता मिल चुकी है। इसी कड़ी में प्रदेश के दुर्गम, दूरदराज और सुविधा के अभाव वाले क्षेत्रों में जल गुणवत्ता को और पुख्ता करने के लिए अब जल शक्ति विभाग व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने साझा प्रयास के लिए सहमति जताई है।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग आरंभ में पांच अत्याधुनिक मोबाइल टेस्ट किट उपलब्ध करवा रहा है, जिनमें आधुनिक उपकरण भी शामिल हैं। इस पेयजल जांच किट के माध्यम से सात जरूरी मापदंडों का भौतिक, रसायनिक व जीवाणु परीक्षण किया जाएगा और एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से इसके परिणाम सांझा किए जाएंगे। जीवनधारा वैन में तैनात प्रयोगशाला तकनीशियन को पेयजल जांच किट के संचालन का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा चुका है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुर्वेद मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की जीवनधारा मोबाइल वैन प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्हीं क्षेत्रों में से पांच जिलों शिमला, सोलन, मंडी, चंबा व कांगड़ा जहां जलजनित रोगों की पूर्व में घटनाएं हो चुकी हैं, उन स्थानों पर जल गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए जल शक्ति विभाग व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने यह साझा प्रयास शुरू किया है, ताकि स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ इन क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता जांच कर जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए कार्य किया जा सके।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक हेमराज बैरवा, जल शक्ति विभाग के प्रमुख अभियंता, ई. संजीव कौर तथा मुख्य अभियंता ई. जोगिन्द्र सिंह चौहान सहित दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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