एम्स की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं, जलमग्न मंदिरों की होगी पुनर्स्थापना

512

बिलासपुर/शिमला, 12 अप्रैल। राज्य सभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज बिलासपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर के कोठीपुरा स्थित परिसर में विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
इस अवसर पर जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि मरीज की जान बचाने के लिए अपनी जान लगा देना ही एम्स की संस्कृति है। इसलिए, संस्थान की गुणवत्ता और संकाय की क्षमता के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से ही बिलासपुर में 750 बिस्तर क्षमता का एम्स संस्थान आकार ले रहा है, जिस पर लगभग 1471 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इसका अधिकांश कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके विभिन्न भवनों के निर्माण के साथ-साथ चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि जनता को अतिशीघ्र स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ मिल सके।
जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि कीरतपुर-नेर चौक फोरलेन नेशनल हाईवे का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि लगभग 47 किलोमीटर 750 मीटर लंबे इस मार्ग पर 22 बडे़ पुलों, 15 छोटे पुलों और पांच डबल लेन सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। फोरलेन का कार्य पूर्ण होने पर गरामोड़ा से मंडी की दूरी 40 किलोमीटर कम होगी तथा यात्रा का समय भी लगभग सवा घंटा कम हो जाएगा। बिलासपुर और गरामोड़ा की दूरी भी 23 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि 6753 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली भानुपल्ली रेलवे लाइन का कार्य भी प्रगति पर है, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में 48.6 किलोमीटर लाइन बिछाई जाएगी। इस ट्रैक पर 20 सुरंगें और 26 मुख्य पुल बनाए जाएंगे। इस परियोजना के तहत बैरी तक भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि गोविंद सागर झील में समा चुके बिलासपुर के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए 1400 करोड़ की परियोजना तैयार की गई है, जिसे तीन चरणों में कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है। प्रदेश सरकार ने बजट में इसकी भी घोषणा की है। इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परियोजना के पहले चरण में इन मंदिरों को नाले का नौण में पुनर्स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसी परियोजना के दूसरे चरण में सांडू के मैदान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में मंडी भराड़ी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के आसपास एक जलाशय बनाया जाएगा। इसमें रिवर फ्रंट और वॉकवेज इत्यादि विकसित किए जाएंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से जहां बिलासपुर एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा, वहीं इससे बिलासपुर का पुराना इतिहास और संस्कृति भी पुनर्जीवित होगी, जिससे सभी बिलासपुरवासियांे की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स और हाइड्रो इंजीनियरिंग महाविद्यालय को प्रतिदिन 21 लाख लीटर पेयजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 66 करोड़ रुपये की कोलडैम उठाऊ पेयजल परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसका 97 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। बिलासपुर में 50 बिस्तर क्षमता के मातृ शिशु स्वास्थ्य देखभाल केंद्र के निर्माण पर 10 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा रही है और इसका 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर की मरम्मत पर लगभग ढ़ाई करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं, जिसका कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर एम्स परियोजना, भानुपल्ली रेल परियोजना, फोरलेन नेशनल हाईवे और गोविंदसागर में जलमग्न मंदिरों की पुनर्स्थापना से संबंधित प्रस्तुति भी दी गई।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग, सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, विधायक सुभाष ठाकुर, विधायक जे.आर. कटवाल, राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा, पर्यटन विभाग के निदेशक अमित कश्यप, उपायुक्त पंकज राय, पुलिस अधीक्षक एस.आर. राणा, एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी, भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित, रेलवे विकास निगम लिमिटेड के अतिरिक्त महाप्रबंधक सुशील महाजन, संयुक्त महाप्रबंधक अनमोल नागपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

छात्रों को दी आपदा प्रबंधन की जानकारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here