कैबिनेट निर्णय: परिवहन क्षेत्र को 40 करोड़ का पैकेज, परीक्षाएं जुलाई में

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शिमला, 11 जून। मंत्रिमंडल ने महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित परिवहन क्षेत्र को लगभग 40 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की है। इसके अन्तर्गत स्टेज कैरिज ऑपरेटरों के लिए कार्यशील पूंजी पर ब्याज अनुदान योजना शामिल है। इसके तहत प्रति बस 2 लाख रुपये की ऋण राशि और अधिकतम 20 लाख रुपये तक की ऋण राशि बस ऑपरेटरों को कार्यशील पूंजी के रूप में प्रदान की जाएगी। ऋण की अवधि 5 वर्ष के लिए होगी, जिसमें एक वर्ष अधिस्थगन अवधि का होगा। इसके अन्तर्गत 75 फीसदी ब्याज अनुदान रहेगा, जिसका भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। दूसरे वर्ष में ब्याज पर 50 फीसदी का ब्याज अनुदान दिया जाएगा, जो राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना पर सरकार की ओर से करीब 11 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई है।

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मंत्रिमंडल ने स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, आॅटोरिक्शा और इंस्टीट्यूशन बसों को भी आवश्यक राहत प्रदान प्रदान करते हुए 1 अगस्त, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक विशेष रोड टैक्स और टोकन के भुगतान पर 50 फीसदी की राहत दी है। परिवहन क्षेत्र को इस निर्णय से लगभग 20 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। बैठक में 1 अप्रैल, 2021 से 30 जून, 2021 तक तीन महीने की अवधि के दौरान स्पैशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स पर 50 फीसदी राहत प्रदान करने का भी निर्णय लिया। इस निर्णय से स्टेज कैरिज, टैक्सी, मैक्सी, ऑटोरिक्शा, कांट्रेक्ट कैरिज बसें और संस्थानों की बसों को 8 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। कोरोना के संकट काल में परिवहन क्षेत्र को सरकार द्वारा प्रदान की गई इस राहत से राज्य के सभी लोगों को लाभ होगा और परिवहन क्षेत्र के लिए भी यह एक बड़ी सहायता साबित होगी।
प्रदेश में कोरोना महामारी के दृष्टिगत मंत्रिमण्डल ने यूजीसी द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार स्नातक तथा शास्त्री के अंतिम वर्ष की परिक्षाएं जुलाई, 2021 में आयोजित करवाने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने अंतिम वर्ष की परिक्षाएं समाप्त होने पर स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष की परिक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस वर्ष अगस्त माह के प्रथम सप्ताह से शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्नातक की कक्षाएं आरम्भ करने का भी निर्णय लिया गया।
बैठक के दौरान आतिथ्य उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए योजना में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई ताकि पर्यटन इकाई आॅपरेटरों को प्रचलित बाजार दरों से कम ब्याज दरों पर कार्यशील पूंजी प्राप्त हो सके। संशोधित योजना के तहत प्रथम वर्ष में 75 प्रतिशत ब्याज अनुदान तथा पांच वर्षों तक भुगतान अवधि बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इस नवीन योजना में रोपवे और ट्रैवल एजेंट जैसी अन्य श्रेणियों को भी शामिल किया गया है।
हिमाचल मंत्रिमंडल ने कोविड महामारी के कारण मृत्यु होने पर परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (प्रायोरिटी हाउसहोल्ड कैटेगरी) के अन्तर्गत शामिल करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत प्रायोरिटी हाउसहोल्ड को चिन्हित करने के लिए 1 अगस्त, 2013 को जारी दिशा-निर्देशों में ऐसे परिवारों को तुरन्त राहत प्रदान करने के लिए छूट दी जाएगी। कोरोना से मृत व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर ऐसे परिवारों को ग्राम पंचायतों व शहरी स्थानीय निकायों द्वारा तुरन्त राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (प्रायोरिटी हाउसहोल्ड कैटेगरी) के तहत शामिल किया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना 2019 में सेवा उद्यमों और सम्बन्धित मालवाहक वाहनों को संयुक्त सम्बन्धित गतिविधियों के रूप में जोड़ने के लिए आवश्यक सुधार किए जाने की स्वीकृति दी। योजना के तहत वर्तमान में संयंत्र तथा मशीनरी में 40 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा को बढ़ाकर 60 लाख रुपये तथा वर्तमान में 60 लाख रुपये की कुल परियोजना लागत को अधिकतम एक करोड़ रुपये करने का प्रावधान किया गया। इसके अतिरिक्त, 40 लाख की ऋण राशि के बजाय अब 60 लाख की ऋण राशि पर पांच प्रतिशत ब्याज उपदान तीन वर्ष के लिए प्रदान किया जाएगा। इस निर्णय से योजना के तहत अधिकतम युवा लाभान्वित होंगे।

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