‘पंजाब से शानन परियोजना को वापस लेने के लिए गंभीर‘

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file photo source: twitter/ani

शिमला, 1 अगस्त। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में 110 मेगावाट की शानन जल विद्युत परियोजना को लेकर जारी कानूनी लड़ाई के संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस परियोजना पर सर्वाेच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार का मामला मजबूती से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, ताकि प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से प्रदेश के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार हिमाचल के अधिकारों को वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान शानन जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया था। वर्ष 1925 में मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंद्र बहादुर और पंजाब के मुख्य अभियंता के बीच 99 वर्षों के लिए लीज़ समझौता हस्ताक्षरित हुआ था। उस समय से ही इसका प्रशासनिक अधिकार पंजाब के पास है। इस वर्ष 2 मार्च को लीज़ समाप्त हो गई है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र अधिकार में हैं और पंजाब सरकार को अविलंब इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश को लौटा देना चाहिए।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लोगों के हितों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए प्रदेश सरकार इस परियोजना से लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कानूनी कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार परियोजना को हासिल करने के लिए एक मजबूत मामला तैयार कर रही है।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप रतन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और विशेष सचिव अरिन्दम चौधरी भी बैठक में उपस्थित थे।

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