सेब बागवानों की सभी देनदारियां चुकता, 153 करोड़ देने पर सीएम का आभारः रोहित

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सेब बागवानों की सभी देनदारियां चुकता, 153 करोड़ देने पर सीएम का आभारः रोहित

शिमला, 21 मई। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सेब बागवानों के लिए मंडी मध्यस्थता योजना के तहत 153 करोड़ जारी करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार है कि राज्य सरकार ने मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब बागवानों की सभी देनदारियां चुका दी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2023 के 63 करोड़ रुपये और भाजपा सरकार के कार्यकाल के 90 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने जारी कर दिए हैं और कई वर्षों की लम्बित देनदारियों को चुका दिया गया है।

रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत सभी देनदारियां अपने संसाधनों से चुकाई हैं। उन्होंने कहा कि पहले इस योजना के तहत 50:50 के अनुपात में केन्द्र और राज्य सरकार खर्च वहन करते थे, लेकिन वर्ष 2023 में केन्द्र सरकार ने अपना हिस्सा देना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि सेब बागवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने योजना का पूरा खर्च अपने संसाधनों से उठाने का निर्णय लिया है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार किसान व बागवान हितैषी सरकार है तथा इस सेब सीजन में यूनिवर्सल कार्टन को लागू कर दिया गया है, जबकि पिछले वर्ष सेब की खरीद प्रति किलो के हिसाब से सुनिश्चित की गई है, जिससे प्रदेश के सेब बागवानों को काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेब बागवानों के हितों को देखते हुए प्रदेश में सीए स्टोर का आधारभूत ढांचा मजबूत करने के लिए भी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने सेब बागवानों के लिए कीटनाशकों और खाद पर मिलने वाली सबसिडी को पुनः बहाल किया है, जिसे पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के सेब बागवानों के साथ केवल छल करती आई है और उनके विरूद्ध ही फैसले लिए हैं।

रोहित ठाकुर ने कहा कि चुनाव आते ही भाजपा नेता जुमले इस्तेमाल करके प्रदेश के बागवानों को ठगने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले तो सेब पर आयात शुल्क तीन गुणा बढ़ाने की बात करते थे परन्तु अब आयात शुल्क को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जिससे प्रदेश में सेब बागवानी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि अब तो कोल्ड स्टोर में रखे सेब के उचित दाम भी सेब बागवानों को नहीं मिल रहे हैं और उन्हें प्रति पेटी 800 से 1200 रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसके लिए केन्द्र सरकार की गलत नीतियां जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने का वायदा किया है। इसके साथ ही किसानों और बागवानों के कल्याण के लिए भी अपना विजन रखा है।

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