भाजपा ने किया शिक्षा का बेड़ा गर्क, हमने किए सुधार: रोहित ठाकुर

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भाजपा ने किया शिक्षा का बेड़ा गर्क, हमने किए सुधार: रोहित ठाकुर

शिमला, 28 अप्रैल। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में कहा है कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में शिक्षा का बेड़ा गर्क हुआ और गुणात्मक शिक्षा के मामले में हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग देश भर में 18वें स्थान पर पहुँच गई थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले लगभग डेढ़ वर्ष में अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं आरम्भ की, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार व्यवसायिक शिक्षा में सुधार के लिए भी निरंतर प्रयास कर रही है ताकि युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मिल सकें।

रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग में 7000 से अधिक जेबीटी, टीजीटी पीजीटी तथा कॉलेज लैक्चरर के पद सीधी भर्ती तथा बैचवाइज के आधार पर भर रही है ताकि अध्यापकों की कमी के कारण छात्रों की पढ़ाई में बाधा न पडे़। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए सभी स्तर के स्कूलों में संसाधनों के सांझे प्रयोग के लिए स्कूल क्लस्टर योजना भी आरम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में इसी सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई आरम्भ कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6000 से अधिक प्राइमरी स्कूलों में प्री नर्सरी की कक्षाएं शुरू की गई हैं, जिसके लिए नर्सरी टीचर के पद सृजित कर उन्हें भरने की अनुमति प्रदान कर दी गई है तथा शीघ्र ही प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीक़े से एक-एक राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोल रही है ताकि विद्यार्थियों को प्रदेश के भीतर ही गुणात्मक शिक्षा दी जा सके। उन्होंने कहा कि यह स्कूल, आने वाले समय में विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अध्यापकों को विदेशी दौरों पर भेजा जा रहा है ताकि वे वहां जाकर शिक्षा क्षेत्र में प्रदान की जा रहे मानकों एवं विधि बारे सीख सकें तथा शिक्षा के क्षेत्र में यहां और सुधार लाया जा सके।

रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश के 850 स्कूलों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि इन शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों के सभी स्वीकृत पदों को भरने के साथ-साथ स्मार्ट क्लासरूम तथा अन्य सुविधाएं आरम्भ की जाएंगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने एसएमसी अध्यापकों, आईटी अध्यापकों तथा कम्प्यूटर अध्यापकों के मानदेय में समुचित वृद्धि की गई है।

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