संयुक्त निरीक्षण समिति ने जांची मंडी जिले में निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा व्यवस्था

187

संयुक्त निरीक्षण समिति ने जांची मंडी जिले में निर्माणाधीन सुरंगों की सुरक्षा व्यवस्था

मंडी, 30 दिसंबर।  मंडी जिले में फोरलेन परियोजना में निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा मानकों के अनुपालन की जांच को लेकर गठित संयुक्त निरीक्षण समिति ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम)डॉ. मदन कुमार की अध्यक्षता में  निर्माणाधीन सुरंगों का निरीक्षण किया। उन्होंने शनिवार को मौके पर जाकर निर्माणाधीन सुरंगों का सुरक्षा की दृष्टि से जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने वहां कार्यरत कर्मचारियों और श्रमिकों के लिए उपलब्ध सुरक्षा प्रोटोकोल की जानकारी ली और उससे जुड़ी संपूर्ण व्यवस्था को बारीकी से जांचा।
इस समिति में एडीएम के साथ एएसपी सागर चंद शर्मा, एनएचएआई के परियोजना निदेशक वरुण चारी, आईआईटी मंडी से विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. आर.  प्रसन्ना एवं उनके सहयोगी,लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीसी नेगी, सुरंग विशेषज्ञ हिमांशु कपूर सम्मिलित रहे। इसके अलावा एनएचएआई के अधिकारी, सुरंगों के निर्माण में लगी कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

डॉ. मदन कुमार ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के निर्देशानुसार समिति ने मंडी जिले में फोरलेन पर निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा एवं बचाव मानकों के अनुपालन को लेकर निरीक्षण किया है। वहां वर्तमान में सुरक्षा संबन्धी प्रोटोकॉल से जुड़े हर पहलू को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को जांचा गया है। समिति सशक्त सुरक्षा प्रबंधों व उपायों के साथ ही निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों व सुझावों के संबंध में जल्द ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर एसडीएमए को भेजेगी।  बता दें, पिछ्ले दिनों उत्तराखंड के उत्तरकाशी में  हुए सिलक्यारा सुरंग हादसे के दृष्टिगत निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा प्रोटोकाल का निरीक्षण सुनिश्चत किया जा रहा है, ताकि आगे कहीं भी इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो।
इसी उद्देश्य के साथ संयुक्त निरीक्षण समिति ने शनिवार को निरीक्षण की शुरुआत मंडी में वृंदावनी बाइपास सुरंग से की। उसके उपरांत सौलीखड्ड और पंडोह के समीप निर्माणाधीन सुरंगों का निरीक्षण किया। उन्होंने फोरलेन पर सुरंगों की योजना, डिजाइन, निर्माण, सुरक्षा और रखरखाव की समीक्षा कीl किसी आपदा अथवा हादसे के दौरान आपातकालीन योजना के संबंध में भी कंपनी प्रबंधन से जानकारी ली।  सुरंग में प्रकाश व्यवस्था, वायु की गुणवत्ता, कार्य कर रहे मजदूरों को दिए सुरक्षा उपकरणों की गुणवत्ता, दोतरफा सुरंगों के मध्य अन्तर कनेक्टिविटी की व्यवस्था समेत प्रत्येक पहलू को गहनता से जांचा गया।
समिति ने श्रमिकों से बातचीत कर आपातकालीन निकासी योजना के सम्बंध में उनके जानकारी स्तर को भी परखा। सायरन बजने का क्या अर्थ है, आपातस्थिति में सुरक्षित निकासी मार्ग कौन सा है, सुरक्षित निकासी के बाद कहां एकत्र होना है, इसे लेकर श्रमिकों से सम्वाद किया। किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारी और मजदूरों के बचाव व सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा भी लिया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here