शिमला, 15 जून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) हिमाचल प्रदेश के टीकाकरण प्रभाग ने 12 जून से 15 जून तक नई दिल्ली में आयोजित दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र (सियर) की कार्यशाला में भाग लिया। भारत सरकार द्वारा प्रदेश के एन.एच.एम. टीकाकरण प्रभाग को इस कार्यशाला में भाग लेने के लिए 5 सदस्यीय दल में विशेष रूप से चयनित किया गया था।
यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संजय अवस्थी ने आज यहां दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने टीकाकरण के लिए डिजिटल प्लेटफार्म को प्रभावी तरीके से लागू किया है। राज्य में वैक्सीन की मांग, पूर्वानुमान और वैक्सीन व कोल्ड चेन उपकरण की उपयुक्त निगरानी में इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क का कार्य बेहतरीन रहा है।
हिमाचल प्रदेश को सोलन और सिरमौर जिलों में पायलट आधार पर यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन ऐप यू-विन के कार्यान्वयन में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया है। भविष्य में इस ऐप को राज्य के सभी जिलों में कार्यान्वित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र की कार्यशाला में बांग्लादेश, भूटान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया, म्यांमार, नेपाल, थाइलैंड, इंडोनेशिया, भारत, मालदीव, श्रीलंका और तिमोर-लेस्ते देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
संजय अवस्थी ने कहा कि कार्यशाला में सभी भागीदार देशों के लिए पोस्ट-कोविड कैच अप टीकाकरण के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई जिसमें टीकों की उपलब्धता के लिए डिजिटल प्लेटफार्म के उपयोग और कोल्ड चेन की उपयुक्त निगरानी पर विशेष ध्यान दिया गया।
उन्होंने कहा कि कार्य योजना के कार्यान्वयन से उन बच्चों की पहचान सुनिश्चित होगी जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त भागीदार देश बेहतर टीकाकरण प्रतिशतता प्राप्त करने और टीकाकरण से रोके जा सकने वाले रोगों के प्रकोप को कम करने के लिए इस वर्ष अगस्त से अक्टूबर तक तीन चरणों में विशेष अभियान चलाने की योजना बनाएंगे।