शिमला, 8 जून। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सामाजिक सरोकार को अधिमान देते हुए राज्य के कर्मचारियों और पैरा कर्मियों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। राज्य के विकास में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देते हुए सरकार ने सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत लाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय से कर्मठ कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद भी सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होगी।
राज्य के विकास में पैरा कर्मियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार ने उन्हें वह सम्मान देने का निर्णय लिया जिसके वे हकदार हैं। प्रदेश सरकार ने दैनिक भोगियों की दिहाड़ी को 350 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये किया है, इससे उन्हें अब प्रतिमाह 750 रुपये का लाभ मिल रहा है।
कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्पण और निःस्वार्थ भाव को देखते हुए सरकार ने उनके मानदेय को 9000 रुपये से बढ़ाकर 9500 रुपये प्रति माह किया है। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय को भी 6100 रुपये से बढ़ाकर 6600 रुपये किया है। आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4700 रुपये से बढ़ाकर 5200 रुपये किया है।
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की मानवीय सेवा सेे राज्य सरकार भलीभांति परिचित है। राज्य सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं केे मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की। अब आशा कार्यकर्ताओं को 5200 रुपये का मासिक मानदेय मिल रहा है। सिलाई शिक्षक, नए प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्य सरकार ने उनके मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की है। राज्य सरकार ने उनके मानदेय को 3500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रति माह कर किया है।
नैनिहालों को पोषणयुक्त भोजन परोसने वाले मिड-डे मील कार्यकर्ताओं का अब सरकार ने भलीभांति ख्याल रखते हुए उनके मानदेय को 3500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रतिमाह किया है। शिक्षा विभाग में कार्यरत जल रक्षकों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि भी की गई है। अब जल रक्षकों को 3900 रुपये के बजाए 4400 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं। यह निर्णय उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है।
राज्य सरकार पैरा श्रमिकों की विभिन्न श्रेणियों को सम्मानजनक पारिश्रमिक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जलरक्षकों, बहुउद्देश्यीय कर्मियों, पैरा फिटरों और पंप संचालकों के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि की गई है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पंचायत चौकीदारों, राजस्व चौकीदारों, एसएमसी शिक्षकों और लम्बरदारों के मानदेय में भी सम्मानजनक वृद्धि की है। आउटसोर्स कर्मचारियों के योगदान को देखते हुए सरकार ने उनके लिए न्यूनतम वेतन प्रति माह 11,250 रुपये निश्चित किया है।
हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने अंशकालीन पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6200 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय 1 अप्रैल 2023 से लागू होगा। इस निर्णय ने राज्य के 3226 अंशकालिक पंचायत चौकीदारों लाभान्वित होंगे। प्रदेश के विकास में कर्मचारियों और पैरा वर्करों को सहभागी बनाते हुए राज्य सरकार उनके कल्याण और उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है।