धर्मशाला, 25 मई। व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही सुक्खू सरकार की नई सोच कांगड़ा प्रवास के दौरान भी देखने को मिली। कांगड़ा जिले के प्रवास के दूसरे दिन चली समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कुछ प्रस्तावित परियोजना स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने नरवाणा में बायो-डाइवर्सिटी पार्क का देर शाम निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों के साथ मिनी सचिवालय धर्मशाला में बैठक निर्धारित की। अधिकारियों ने उन्हें अवगत करवाया कि तकनीकी खराबी के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित है और इसे बहाल करने में समय लग सकता है। जिस पर ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा जिले के विकास के लिए मोमबत्ती की रोशनी में भी बैठक करनी पड़े तो अवश्य करूंगा।
नरवाणा बायो-डाइवर्सिटी पार्क का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री रात करीब आठ बजे मिनी सचिवालय धर्मशाला पहुंचे और विभिन्न परियोजनाओं के संबंध में वन विभाग तथा पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। लगभग डेढ़ घंटे चली इस बैठक में उन्होंने एशियन डवलेपमेंट बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की जानकारी मांगी और कहा कि इन सभी परियोजनाओं को कार्यान्वित करनें के लिए सरकार उचित निर्णय लेगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह विकास कार्यों के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाएं तथा जनता की सुविधा और राज्य के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। विकास योजनाओं में तेजी लाएं और उनका लाभ आम लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पांच जून को शिमला में दोबारा इस विषय पर समीक्षा बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वह सत्ता सुख के लिए नहीं आए हैं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। सरकार हर विभाग के कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है, ताकि प्रदेश के आम लोगों को समुचित लाभ मिल सके।
बैठक में कृषि मंत्री चंद्र कुमार, हिमाचल प्रदेश पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष आर एस बाली, विधायक सुधीर शर्मा, केवल सिंह पठानिया, मलेंद्र राजन, देवेंद्र भुट्टो, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, जिला कांगड़ा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय महाजन और उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल भी उपस्थित थे।
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