धर्मशाला, 23 मई। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिले में तीन ग्रीन कॉरिडोर के विकास के दृष्टिगत आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। प्रस्तावित गलियारों में परवाणु-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-संसारपुर टैरेस, बिलासपुर-हमीरपुर-कांगड़ा और मंडी-धर्मशाला-कांगड़ा शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन कॉरिडोरों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चार्जिंग सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान करने और विद्युत चालित वाहनों के लिए चार्जिंग संबंधी बुनियादी ढांचे तक सुविधाजनक पहुंच सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने ईवी उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए शहरों के भीतर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के महत्त्व पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इलेक्ट्रिक वाहनोें की इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने हाल ही में राजीव गांधी स्वरोजगार योजना-2023 को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत ई-टैक्सियों, ई-बसों और ई-ट्रकों की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों को अगले 10 दिनों के भीतर हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए। इलेक्ट्रिक वाहनों केे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर धीरे-धीरे सभी सरकारी वाहनों को ईवी में परिवर्तित करना सरकार का लक्ष्य है। राजीव गांधी स्वरोजगार योजना, स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के नवीन अवसर प्रदान करने के साथ-साथ सरकारी विभागों को इलेक्ट्रिक वाहन सेवा प्रदाताओं की सेवाएं लेने में सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ई-वाहनों को बढ़ावा देकर सुलभ व सशक्त परिवहन सुविधा प्रदान करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाकर हिमाचल हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व और धरती के स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य में योगदान देना चाहता है।
हिप्र सरकार पारंपरिक पर्यटन स्थलों के जीर्णोंद्धार के लिए दृढ़ता से कर रही है कार्य