मुख्यमंत्री सुक्खू की नई सोच से युवाओं के लिए सृजित होंगे स्वरोजगार के नए अवसर

327

शिमला, 7 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश सरकार युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से स्वावलंबी एवं आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की नई सोच से युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए अवसर सृजित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। औद्योगिक निवेश के अतिरिक्त मत्स्य पालन, सौर ऊर्जा और ई-वाहन जैसे तेजी से उभरते नवीन क्षेत्रों में युवाओं को प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार ने कई सार्थक कदम उठाए हैं।
युवाओं को स्वरोजगार एवं स्टार्टअप सहायता प्रदान करने की कांग्रेस सरकार की गारंटी को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक नई ‘राजीव गांधी स्वरोजगार योजना’ की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत् विभिन्न उद्यमों के साथ-साथ डेंटल क्लीनिक में मशीनरी एवं औजार, मत्स्य इकाइयों, ई-टैक्सी तथा एक मैगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं सम्मिलित की जाएंगी।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल एक सशक्त एवं पर्यावरण हितैषी नीति को आगे बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने अपनी दूरदृष्टि एवं युवाओं के प्रति नई सोच के साथ इसे स्वरोजगार से जोड़ने की पहल भी की है। सौर ऊर्जा उत्पादन को पंचायत स्तर तक ले जाने और इस क्षेत्र में हिमाचली युवाओं को प्रोत्साहन इस बार के हरित बजट की विशेषता है।
प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 फीसदी अनुदान सहित अनुमति दी जाएगी। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा की जाएगी।
ऊर्जा सक्षम बनने के साथ-साथ राज्य में विद्युत चालित वाहनों को बढ़ावा देते हुए इसे भी युवाओं के लिए स्वरोजगार के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। ई-वाहन क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के दृष्टिगत निजी बस एवं ट्रक ऑपरेटरों को ई-बस व ई-ट्रक की खरीद पर 50 फीसदी की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये का उपदान दिया जाएगा। ई-टैक्सी पर मिलने वाले उपदान को सरकार ने सभी वर्गों के लिए समान रूप से 50 फीसदी करने की भी घोषणा की है। चिन्हित बस रूटों पर युवाओं को ई-वाहन चलाने के लिए परमिट जारी किए जाएंगे। निजी संचालकों को ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए 50 फीसदी की दर से उपदान प्रदान किया जाएगा।
हिमाचल के जलाशयों एवं नदियों को ऊर्जा उत्पादन, जलापूर्ति आवश्यकताओं से एक कदम आगे बढ़ते हुए मत्स्य पालन के माध्यम से स्वरोजगार का उपक्रम बनाने के सशक्त प्रयास भी इस बजट में नजर आते हैं। आर्थिकी को सुदृढ़ करने तथा युवाओं को प्रोत्साहन के दृष्टिगत मछली पालन के लिए तालाब निर्माण पर 80 फीसदी उपदान की घोषणा की गई है। इस क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने के लिए 120 नई ट्राउट इकाइयों का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश में बैकयार्ड फिश फार्मिंग, केज कल्चर इत्यादि नई तकनीकों के माध्यम से युवाओं को मत्स्य पालन में आय बढ़ाने के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
औद्योगिक क्षेत्र प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन में अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है। मुख्यमंत्री हिमाचल को निवेश मित्र राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए व्यवस्थाओं में आवश्यक बदलाव ला रहे हैं। निवेश आने से रोजगार भी पैदा होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करते हुए लगभग 90 हजार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए बजट में ‘मुख्यमंत्री रोजगार संकल्प सेवा’ आरंभ करने की भी घोषणा की गई है। इससे प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों के युवाओं को राज्य, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध रोजगार अवसरों से जोड़ा जाएगा।
इसके अतिरिक्त इस वर्ष सरकारी क्षेत्र में 25 हजार विभिन्न कार्यशील पदों को भरने की घोषणा प्रदेश सरकार ने की है। जल शक्ति विभाग में भी 5000 पद भरे जाएंगे। प्रदेश सरकार व विशेष तौर पर मुख्यमंत्री के इन प्रयासों से युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होने के साथ-साथ कांग्रेस प्रतिज्ञा-पत्र में प्रदत्त रोजगार प्रदान करने की गारंटी को मूर्त रूप प्रदान करने में यह कदम सार्थक सिद्ध होंगे।

हिप्र में भांग की खेती को वैध करने की दिशा में विचार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here