शिमला, 30 मार्च। हिमाचल प्रदेश सरकार निवेशकों को एकल छत सुविधा तंत्र के माध्यम से व्यापार में सुगमता और अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त करने में विलंब को कम करने के लिए राज्य में निवेश ब्यूरो की स्थापना कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कल शाम प्रस्तावित निवेश ब्यूरो पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश ब्यूरो पुरानी एकल खिड़की प्रणाली के स्थान पर कार्य करेगा और इसे निवेश प्रस्तावों को स्वीकृतियां प्रदान करने की शक्तियां होंगी।
उन्होंने कहा कि इस निवेश ब्यूरो की स्थापना उद्योग विभाग के अंतर्गत् की जाएगी और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को इसमें शामिल किया जाएगा ताकि निवेशकों को प्रदेश में उद्योग मित्र वातावरण प्रदान किया जा सके और उन्हें निवेश से संबंधित किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि निवेशकों की सभी समस्याओं का त्वरित समाधान हो और कार्य में विलंब के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के लिए दण्डात्मक प्रावधान भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए ब्यूरो में दो समितियां होंगी, एक कार्यकारी समिति होगी जो निवेश ब्यूरो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तहत दैनिक आधार पर निवेश मामलों की निगरानी करेगी जबकि दूसरी समिति मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित की जाएगी, जिसके माध्यम से निवेश प्रस्तावों की मंजूरी प्रदान की जाएगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि निवेश ब्यूरो की स्थापना का उद्देश्य अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाना है, जिससे निवेशकों को आवेदन करने के पश्चात तुरंत अपना कार्य शुरू करने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कानून में आवश्यक संशोधन करने के अलावा निवेश ब्यूरो को सशक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन, आईटी, सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और अन्य क्षेत्रों में निवेश की उम्मीद कर रही है। निवेश से न केवल राजस्व की वृद्धि होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होगें। उन्होंने कहा कि निवेश ब्यूरो की स्थापना से अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी आने से जहां कारोबारियों के समय की बचत होगी, वहीं व्यापार करने की प्रक्रिया भी सुव्यवस्थित होगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल), धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री, हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, अनिरुद्ध सिंह, मुख्य सचिव, प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, भरत खेड़ा, प्रधान सचिव, आर.डी. नजीम, निदेशक उद्योग, राकेश कुमार प्रजापति और अतिरिक्त निदेशक, तिलक राज शर्मा भी बैठक में उपस्थित थे।