राजनीतिक लाभ के लिए बिना बजट खोले गए थे 920 संस्थान: विक्रमादित्‍य

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राजनीतिक लाभ के लिए बिना बजट खोले गए थे 920 संस्थान: विक्रमादित्‍य

शिमला, 24 फरवरी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की पूर्व जय राम सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीनों में बिना बजट का प्रावधान किए 920 संस्थान खोले और स्तरोन्नत किए। यह कार्य केवल राजनीतिक लाभ लेने की मंशा से किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह में नए संस्थान खोलकर प्रदेश की भोली-भाली जनता को ठगने का प्रयास किया लेकिन प्रदेश की जनता समझदार है। जनता ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर बाहर का रास्ता दिखा दिया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में व्यवस्था परिवर्तन के दृष्टिगत हो रहे निर्णयों से पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और भाजपा नेता अचंभित हैं। पूर्व भाजपा सरकार ने आम जनता और युवाओं को हर मामले में ठगने का प्रयास किया। अगर प्रदेश में नए संस्थानों की जरूरत थी, तो उन्होंने साढ़े चार साल तक क्यों नहीं खोले। कांग्रेस सरकार संस्थान खोलने के विरोध में नहीं है। जहां संस्थानों की वास्तव में आवश्यकता है, वहां बजट के प्रावधान के साथ संस्थान खोले जा रहे हैं। जो संस्थान केवल राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि के लिए खोले गए, उन्हें बंद करना ही व्यवहार्य था क्योंकि यह प्रदेश की जनता पर ही वित्तीय बोझ डाल रहे थे।

विक्रमादित्य सिंह व सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि जिस जगह संस्थानों की जरूरत होगी, उन कार्यालयों को बहाल किया जाएगा। सरकार द्वारा बंद किए गए संस्थानों की व्यवहार्यता की जांच की जा रही है। वर्तमान कांग्रेस सरकार, पूर्व भाजपा सरकार की तरह लोगों को ठगने का काम नहीं करेगी तथा अपने पहले आम बजट में वित्तीय प्रावधानों के साथ बंद किए गए जरूरी संस्थानों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने भाजपा नेताओं से सवाल किया कि कर्मचारियों को एरियर के चार हजार 430 करोड़ रुपये, पेंशनर्स को 5 हजार 226 करोड़ रुपये, और पेंशनर्स व कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के 1000 करोड़ रुपये न देकर क्यों ठगा गया? उन्होंने कहा कि बिना बजट प्रावधान के पूर्व भाजपा सरकार ने अंतिम छह महीनों के कार्यकाल में 920 संस्थान खोलकर और स्तरोन्नत कर जनता पर 5000 करोड़ का वित्तीय बोझ डाला और प्रदेशवासियों को गुमराह किया।

विक्रमादित्य सिंह व सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि जिला मंडी के पड्डल मैदान में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का संबोधन पूर्व मुख्यमंत्री को इसलिए रास नहीं आ रहा है क्योंकि अपने गृह जिला मंडी में बल्ह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और शिवधाम न बना पाना उनकी सबसे बड़ी विफलता है। वह इन दोनों परियोजनाओं के लिए बजट का प्रावधान नहीं कर पाए और पांच वर्षों तक लोगों को सिर्फ सब्ज-बाग दिखाते रहे।

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