इस अवसर पर नेगी ने कहा कि मुझे आज गुरू पदमसंभव की पवित्र स्थली रिवालसर में नालंदा परम्परा पर आयोजित सम्मेलन में इसकी उपयोगिता को जानने का अवसर मिला है । उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म की आस्था आज पूरे विश्व में है और आज यह विकसित दुनिया में सबसे अधिक अध्ययन और अनुसरण किए जाने वाले धर्मों में से एक है । बौद्ध धर्म क्रोध पर विजय पाने तथा सभी को शांति का संदेश देता है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में अनेक धर्म है तथा सभी को अपने-अपने धर्म को मानने तथा उसका प्रचार व प्रसार करने का अधिकार है । वहीं हमारे संविधान में बौद्ध धर्म को भी प्रसार करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में धर्म गुरूओं द्वारा अपने उपदेश दिए जायेंगे जिसका फायदा हमें आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
विधायक रवि ठाकुर ने इस अवसर पर नालंदा परम्परा को आगे बढ़ाने तथा बौद्ध धर्म के रास्ते पर चलने का सभी से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि धर्म गुरूओं का आर्शीवाद लेकर हम सभी को विश्व शांति की ओर अग्रसर होना होगा। उन्होंने आयोजन समिति को अपनी ऐच्छिक निधि से 3 लाख रुपये देने की घोषणा की। कार्यक्रम में नांलदा बौद्ध परम्परा की भारतीय हिमालयी परिषद के अध्यक्ष टी.के. लोचेन तुलकू रिनपोछे ने कहा कि बौद्ध भाषा को अंतररार्ष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो चुकी है तथा राष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध स्कूलों को मान्यता लेने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर में नांलदा बौद्ध परम्परा की भारतीय हिमालयी परिषद के उपाध्यक्ष जग चुप छोदेन, गेसे चोस्फेल जोपटा तथा हुक्म चंद नेगी ने भी अपने विचार रखे। नांलदा बौद्ध परम्परा की भारतीय हिमालयी परिषद के महासचिव मलिंग गौम्बू ने मुख्य अतिथि तथा अन्य का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, एसडीएम सदर रितिका जिंदल सहित प्रदेश के विभिन्न भागों से आए बौद्ध धर्म के अनुयायी उपस्थित थे।