शिमला, 10 जून। सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों, 50 महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अकादमी (आईजीआरयूए) के साथ भविष्य के लिए छात्रों को तैयार करने और उन्हें ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा, उनका उपयोग कर सशक्त बनाने के लिए ड्रोन फ्लाइंग प्रशिक्षण से संबंधित कौशल विकास पाठ्यक्रम चलाने के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता ज्ञापन राज्य सरकार के प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश की उपस्थिति में हस्ताक्षरित किए गए।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ड्रोन नीति-2022 के प्रावधानों के दृष्टिगत राज्य में ड्रोन क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इस नीति को 6 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई थी। यह ड्रोन संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से लाइसेंस प्राप्त श्रम शक्ति और कौशल विकास के सृजन में सहयोग करेगा, जिन्हें भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के अंतर्गत् अंतिम रूप दिया जा रहा है। राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे के साथ ड्रोन से संबंधित पाठ्यक्रमों को जोड़ने से छात्रों को ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।