शिमला, 14 जुलाई। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर प्राथमिक शिक्षा प्रदान कर उन्हें भविष्य में उत्कृष्ट नागरिक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसलिए प्राथमिक अध्यापकों ने हर घर पाठशाला कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के विद्यालयों में लगभग 25 हजार 165 शिक्षक कार्यरत हैं और कोविड महामारी के समय शिक्षकों ने हर क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। प्रदेश सरकार शिक्षकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और शिक्षकों को समय-समय पर विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत प्राथमिक क्लस्टर यथावत रखे जाएंगे और उन्हें अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। प्रदेश में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्राथमिक शिक्षकों द्वारा दिए गए सुझावों पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के और अधिक विद्यालयों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू की जाएंगी और इसके अन्तर्गत बच्चों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यालयों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए शीघ्र बहुउद्देशीय कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
शिक्षा सचिव राजीव शर्मा, निदेशक प्राथमिक शिक्षा पंकज ललित, संघ के प्रदेशाध्यक्ष हेमराज ठाकुर, महामंत्री अशोक कुमार शर्मा सहित अन्य गणमान्य अध्यापक बैठक में उपस्थित थे।