शिमला, 10 मई। हिमाचल प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न कारणों से लंबित पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को एकमुश्त रियायत के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिन परियोजनाओं में कनेक्शन एग्रीमेंट और लॉंग टर्म ओपन एक्सेस एग्रीमेंट अथवा ऊर्जा खरीद समझौता हस्ताक्षरित नहीं हैं, उन्हें 31 जुलाई तक अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है।
यदि किसी कारण से परियोजना निर्माता 31 जुलाई तक कनेक्शन एग्रीमेंट और लॉंग टर्म ओपन एक्सेस एग्रीमेंट अथवा ऊर्जा खरीद समझौता हस्ताक्षरित नहीं कर पाता है तथा वह देरी के लिए जिम्मेदार नहीं है, तो प्रशासनिक विभाग उसे अतिरिक्त समय देने के लिए अधिकृत होगा।
छह परियोजनाएं जो कि एक मुश्त रियायत योजना से वंचित रह गई थी, उन परियोजनाओं को एक मुश्त रियायत देने का निर्णय लिया गया है।
26 परियोजना निर्माता परियोजना निर्माण के लिए गंभीर नहीं पाए गए तथा उन्होंने एक मुश्त रियायत योजना के अंतर्गत् अनुपूरक कार्यान्वयन अनुबंध भी हस्ताक्षरित नहीं किए। मंत्रिमंडल द्वारा इन परियोजनाओं का आवंटन रद्द करने का भी निर्णय लिया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि विभिन्न कारणों से लंबित पड़ी जल विद्युत परियोजनाओं को शीघ्र कार्यान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार ने नवंबर 2020 में परियोजना निर्माणकर्ताओं को एक मुश्त रियायत प्रदान करने का निर्णय लिया था। इसके तहत 224 योजनाएं पात्र थीं, जिनमें से 191 परियोजनाओं के उद्देश्यों को अनुपूरक कार्यान्वयन अनुबंध हस्ताक्षरित कर पुनः निर्धारित किया गया। अनुपूरक कार्यान्वयन अनुबंध के अनुसार परियोजनाओं को कनेक्शन एग्रीमेंट और लॉंग टर्म ओपन एक्सेस एग्रीमेंट अथवा ऊर्जा खरीद समझौता हस्ताक्षरित करने थे। विभिन्न कारणों से कुछ परियोजनाएं निर्धारित समय पर कनेक्शन एग्रीमेंट और लॉंग टर्म ओपन एक्सेस एग्रीमेंट अथवा ऊर्जा खरीद समझौता हस्ताक्षरित नहीं कर पाईं।