हिमाचल में भारी बारिश से नदियों में उफान, 14 की मौत, मां-बेटे समेत 9 लापता

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photo source: twitter/ani

शिमला/मंडी/केलांग/चंबा, 28 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ ls लगभग 14 लोगों की मौत हुई है। इनमें लाहौल-स्पीति जिले के 7, कुल्लू जिले के 4 और चंबा जिले का एक व्यक्ति भी शामिल है। वहीं, मां-बेटे समेत नौ लोगों के बाढ़ के पानी में लापता होने की सूचना है। इस बीच, राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है और शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने रेड अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची ने बताया कि राज्य के सभी ज़िलों में पिछले 48 घंटे में काफी बारिश हुई है। सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। लगभग 14 लोगों की मौत हुई है। प्रशासन सतर्क है। काफी सारी सड़कें जो बंद थीं खोल दी गई हैं। अगर और बारिश नहीं होती है तो कल शाम तक 90% सड़कें खुल जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कल शाम तक अधिकतम ट्रांसफॉर्मर्स को ठीक कर लिया जाएगा। जिलाधिकारियों को सतर्कता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। IMD की एडवाइजरी है कि प्रदेश में अगले 48 घंटे तक मौसम खराब रहेगा। आवश्यकता हो तभी लोगों को यात्रा करनी चाहिए।


इस बीच, राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा ने बताया कि कुल्लू में मणिकरण के पास पार्वती नदी की सहायक नदी ब्रह्मगंगा में अचानक जलस्तर बढ़ने के कारण 25 वर्षीय पूनम और उसका चार वर्षीय बेटा निकुंज बुधवार सुबह लगभग सवा छह बजे उसमें बह गए। उन्होंने बताया कि एक अन्य महिला और एक पुरुष भी बाढ़ के पानी में बह गए। अभी तक इनका कोई सुराग नहीं मिला है।
उन्‍होंने बताया कि चम्बा में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में जेसीबी मशीन का एक सहायक बह गया। उन्होंने बताया कि लाहौल-स्पीति के विभिन्न हिस्सों में कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और लगभग 60 वाहन फंस गए हैं। भूस्खलन के कारण राज्य के कई अन्य हिस्सों में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। उन्होंने बताया कि शिमला शहर के विकास नगर में भूस्खलन में एक कार क्षतिग्रस्त हो गई।
मोख्टा ने बताया कि लाहौल के उदयपुर में मंगलवार रात करीब आठ बजे बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ में नौ लोगों समेत मजदूरों के दो तम्बू और एक निजी जेसीबी मशीन बह गई। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के दलों को लापता लोगों की तलाश के लिए भेजा गया, लेकिन पानी के तेज बहाव ने मंगलवार रात तलाश अभियान को बाधित किया। मोख्टा ने बताया कि तलाश अभियान बुधवार सुबह फिर से शुरू किया गया।
उन्होंने बताया कि इससे पहले मंगलवार को भारी बारिश के कारण भागा नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद लाहौल-स्पीति के दारचा गांव से कई लोगों को बाहर निकाला गया था। दारचा पुलिस जांच चौकी के मुताबिक, भारी बारिश से नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया, जिसके कारण नदी किनारे की तीन दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्‍होंने बताया कि निचले इलाकों के आसपास रहने वाले लोगों को पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।

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उधर, लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि भूस्खलनों के मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ द्वारा त्वरित बचाव अभियान के लिए जिला प्रशासन मौके पर आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था कर रहा है।
वहीं, अन्य समाचार एजेंसियों के अनुसार लाहौल-स्पीति के तोजिंग नाले में बाढ़ की चपेट में आने से सात लोगों की मौत हो गई। तीन अन्य की तलाश जारी है। अपुष्‍ट सूत्रों के मुताबिक मृतकों की संख्या 9 हो चुकी है। आईटीबीपी, बीआरओ, पुलिस और प्रशासन लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं, मगर बारिश के चलते उन्‍हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बचावकर्मियों ने तेज राम (75), देसराज (42) निवासी धमसोई और ऐतम राम (60) निवासी पनारसा-मंडी को रेस्क्यू किया है। वहीं, नीरथ राम (42) टकोली-जिला मंडी, शेर सिंह (62) भीमसेई-जिला मंडी, रूम सिंह (49) भीमसेई-जिला मंडी, मेहर चंद (49), भीमसेई-जिला मंडी (गाड़ी का मालिक HP 34D-9109), मोहम्मद शरीफ, कुंदरदान-जिला रियासी (जम्मू-कश्मीर) की लाशें बरामद की गई हैं। इनके अलावा दो अन्य लाशें भी बरामद हुई हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है।
(साभारः एजेंसियां)

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