हमीरपुर, 23 अप्रैल। तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं बड़सर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के प्रभारी राजेश धर्माणी ने कहा है कि बिकाऊ विधायक धनबल से उपचुनाव में जीत दर्ज नहीं कर पाएंगे। जनबल के आगे धनबल नहीं चलेगा। खनन माफिया पर शिकंजा कसने से बिकाऊ विधायक तिलमिला गए थे। उनके तार भी माफिया से जुड़े थे, धीरे-धीरे सारी पोल खुल रही है। इन्होंने भाजपा के साथ डील करने के बाद ही सरकार को गिराने की साजिश रची। बिकाऊ विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्य जोरशोर से चल रहे हैं।
धर्माणी ने कहा कि सुजानपुर, बड़सर, कुटलैहड़, गगरेट, धर्मशाला और लाहौल-स्पीति विधानसभा क्षेत्रों में 300 से 400 करोड़ के कार्य हुए हैं। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा तो विकास कार्यों के लिए कभी मुख्यमंत्री के पास गए ही नहीं, उनका अहंकार आड़े आ जाता था। सुजानपुर का विकास कांग्रेस की देन है, भाजपा ने वहां कुछ नहीं किया है। कुछ महीने पहले तक भाजपा को कोसने वाले राणा अब उसकी गोद में बैठकर झूठा गुणगान करने में लगे हैं। लेकिन, जनता उनकी चाल, चेहरा व चरित्र पहचान चुकी है। बड़सर, गगरेट, धर्मशाला में तो पूर्व विधायकों ने जो मांगा वह मिला, बावजूद इसके उनकी धन आत्मा, अंतरात्मा पर भारी पड़ गई। कुटलैहड़ के विधायक तो तबादलों और टेंडर लेने में ही उलझे रहे।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर को जनता कभी माफ नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहली बार हिमाचल दिवस स्पीति के काजा में मनाया। रवि की सारी मांगें पूरी कीं। महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि के 1500 रुपये प्रतिमाह देने की शुरूआत भी मुख्यमंत्री ने लाहौल के केलांग से की। महिलाओं के खाते में पहली किस्त आ चुकी है। लाहौल-स्पीति में रवि को लोगों का सामना करना मुश्किल हो रहा है। गगरेट में पूर्व विधायक चैतन्य के नाम से लोगों से टैक्स लिया जा रहा था।
धर्माणी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर अपनी सरकार का समय भूल गए हैं। उनके समय प्रदेश में अराजकता का माहौल रहा। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी। वर्तमान सरकार में अपराधियों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है। कानून अपने हाथ में लेने वालों को तुरंत सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। अपराधी अब पुलिस गिरफ्त से दूर नहीं जा सकते। कुर्सी छिनते ही जयराम ठाकुर को झूठ बोलने की आदत पड़ गई है। उनके किसी भी बयान में सत्यता नहीं होती, वह मनगढ़ंत बातें करते हैं।
पालमपुर मामले में राजनीति भाजपा की संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक: भवानी
हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया ने कहा है कि पालमपुर में हुई घटना बेहद दु:खद है, लेकिन भाजपा का इस पर राजनीति करना उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पीड़ित परिवार को इलाज के खर्च के साथ-साथ हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है लेकिन भाजपा नेता इस मामले पर राजनीतिक रोटियाँ सेंक रहे हैं। वर्तमान राज्य सरकार इस मामले में पूरी तरह से संवेदनशील है और न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में क़ानून अपना काम कर रहा है और दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा अपना ट्रैक रिकॉर्ड भी देखे तथा पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की दर सबसे अधिक रही। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के कार्यकाल में 1755 महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए, जबकि अपहरण के 1648 केस दर्ज हुए और हत्या के 130 मामले रजिस्टर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में कुल महिलाओं के साथ अपराध के 9876 मामले दर्ज किए गए, जो हिमाचल प्रदेश की किसी भी सरकार के कार्यकाल का रिकॉर्ड है।
भवानी सिंह पठानिया ने कहा कि भाजपा सिर्फ ओच्छी राजनीति करने में लगी है, जबकि युवाओं के हित बेचकर पिछली भाजपा सरकार ने सबसे बड़ा गुनाह किया है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की सरेआम नीलामी होती रही। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में पुलिस भर्ती का पेपर बिका। इसके साथ-साथ हमीरपुर कर्मचारी अधीनस्थ चयन आयोग में कई परीक्षाओं के पेपर नीलाम हुए, लेकिन जयराम सरकार ने इस पर जानबूझकर आँखें मूँद कर रखी। उन्होंने कहा कि युवाओं के साथ इतना बड़ा गुनाह बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं है और पिछली भाजपा सरकार ने युवाओं के हितों के बेचने वालों को राजनीतिक संरक्षण प्रदान किया।
नरेश चौहान ने जयराम ठाकुर से किए चार सवाल, मांगा जवाब
शिमला। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के चुनावी सीजन में बदलते स्वर पर सवाल उठाते हुए चार सवाल पूंछे हैं। चौहान ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जनता के बीच जाकर अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। उनको हर मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
नरेश चौहान में जयराम ठाकुर से सवाल करते हुए पूछा है कि वह जनता को स्पष्ट रुप से बताएं कि भाजपा ओल्ड पेंशन स्कीम के विरोध में है या पक्ष में। यह भी बताएं कि कांग्रेस सरकार के द्वारा ओपीएस देने के निर्णय से प्रदेश के कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ मिल रहा है कि नहीं। जब जयराम ठाकुर सत्ता में थे, तब ओपीएस की मांग कर रहे कर्मचारियों पर लाठीचार्ज करवाया था और मिलने का समय नहीं दिया था। उस समय सदन में कहा था कि ओपीएस चाहिए तो नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ लें, पेंशन मिल जाएगी। अब जब कांग्रेस पार्टी ने कर्मचारियों को ओपीएस देने का निर्णय लिया, तब चुनावों के समय जयराम झूठी बयानबाजी कर रहे हैं कि भाजपा सरकार बनने पर ओपीएस बंद नहीं होगी। जयराम यह भी बताएं कि यह निर्णय भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व का है या फिर पूर्व मुख्यमंत्री अपने स्तर पर चुनावी जुमला मार रहे हैं।
नरेश चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री से दूसरा सवाल करते हुए कहा कि जयराम ठाकुर जनता को बताएं कि वह महिला विरोधी हैं। वह अपनी टीम के साथ महिला सम्मान निधि को रोकवाने के लिए चुनाव आयोग क्यों गए थे। क्या वह इस बात के पक्ष में नहीं हैं कि प्रदेश की महिलाओं को महीने में 1500 रुपये और साल में 18000 रुपये मिलें। महिला सम्मान निधि योजना कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र की गारंटी को पूरा करते हुए लागू की है और प्रदेश के लाहौल स्फीति जिले की महिलाओं को सम्मान निधि मिलने लगी है। इसके साथ ही सरकार ने पूरे प्रदेश में इसे लागू करने का निर्णय लिया है। जिसमें प्रदेश की 5 लाख महिलाओं को 18 हजार रुपये हर साल मिलेंगे। महिला विरोधी जयराम ठाकुर इस योजना को रुकवाने के लिए चुनाव आयोग गए। अब जवाब दें कि वह महिला विरोधी हैं कि नहीं।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री से तीसरा सवाल किया कि वह जनता को बताएं कि प्रदेश में आई भारी आपदा के समय जनता को राहत पहुंचाने में कितनी मदद की है। जब कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में आपदा प्रभावितों को मदद के लिए प्रदेश में आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का प्रस्ताव विधानसभा में प्रस्तुत किया, जब जयराम ठाकुर ने समर्थन किया था क्या? वह अपने विधायकों के साथ सदन में रहे लेकिन राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। इसका जवाब जयराम ठाकुर को जनता के सामने देना चाहिए। राष्ट्रीय आपदा घोषित होने से प्रदेश के राष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार राहत पैकेज मिलता और प्रदेश के आपदा प्रभावितों की मदद होती। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने इसका विरोध किया और केंद्र की भाजपा सरकार से राहत दिलाने में भी नाकाम रहे।
नरेश चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चौथा सवाल करते हुए जवाब मांगा कि वह बताएं उन्हें लोकतंत्र में भरोसा है कि नहीं। प्रदेश की चुनी हुई कांग्रेस सरकार को धनबल के सहारे चुराने और गिराने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे साबित होता है कि भाजपा को लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है और धनबल के सहारे अपनी सत्ता की भूख को पूरा करना चाहते हैं। नरेश चौहान के कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को जनता के बीच इन सवालों का जवाब देना चाहिए और अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।