सोलन, 19 जून। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार रोज़गारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने पर बल दे रही है। इस दिशा में शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन द्वारा स्थापित ‘सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायरेक्ट सैलिंग इन एकेडमिक्स(सीईडीएसए)’ विशेष रूप से लाभदायक सिद्ध होगा। गोविंद सिंह ठाकुर आज सोलन के शूलिनी विश्वविद्यालय में सीईडीएसए के शुभारम्भ अवसर पर उपस्थित शिक्षाविदों एवं अन्य को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग स्वयं मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े रहे जबकि राजिन्द्र गर्ग इस अवसर पर विश्वविद्यालय में उपस्थित रहे।
सीईडीएसए द्वारा इसी वर्ष से डायरेक्ट सैलिंग में पीजी डिप्लोमा करवाया जाएगा। सीईडीएसए विश्व का दूसरा तथा भारत का पहला ऐसा केन्द्र होगा तथा यह केन्द्र डायरेक्ट सैलिंग के क्षेत्र में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करने में सहायक बनेगा। सीईडीएसए इण्डियन डायरेक्ट सैलिंग ऐसोसिएशन (आईडीएसए) तथा शूलिनी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आरम्भ किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान संकटकाल ने हम सभी को शिक्षा तथा आय के ऐसे साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया है जो इस समय से पूर्व कम प्रचलन में थे। उन्होंने कहा कि संकट के इस काल ने यह भी समझाया है कि अच्छी आय के लिए हमें तकनीक का बेहतर उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सीईडीएसए के माध्यम से नवीन सम्भावनाएं तलाशने में सहायता मिलेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में विश्व के सबसे अधिक युवा भारत में होंगे और इन युवाओं को बेहतर जीवनयापन के लिए विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट सैलिंग में पीजी डिप्लोमा युवाओं को अनेक श्रेष्ठ अवसर प्रदान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट सैलिंग का क्षेत्र हिमाचल के युवाओं को नई राहों पर मज़बूती से खड़ा करने तें सक्षम है। उन्होंने बेहतर पाठ्यक्रम आरम्भ करने के लिए आईडीएसए तथा शूलिनी विश्वविद्यालय को बधाई दी।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमन्त्री जयराम ठाकुर हिमाचल के युवाओं को रोज़गार तलाशने के स्थान पर रोज़गार प्रदाता बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं और शूलिनी विश्वविद्यालय एवं इण्डियन डायरेक्ट सैलिंग ऐसोसिएशन का संयुक्त प्रयास इस दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान संकटकालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत ऐसी शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए जो रोज़गार एवं स्वरोज़गार की बेहतर सम्भावनाओं का सृजन कर सके।
राजिंद्र गर्ग ने कहा कि डायरेक्ट सैलिंग में पीजी डिप्लोमा, देश की नई शिक्षा नीति की युवाओं को रोज़गारदाता बनाने की अवधारणा को पूर्ण करने की दिशा में सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि वर्तमान एवं भविष्य में डायरेक्ट सैलिंग का क्षेत्र बेहतर रोज़गारपरक क्षेत्र बनकर उभरेगा और ऐसी परिस्थिति में यह पाठ्यक्रम युवाओं के सुनहरे भविष्य की नींव रख सकेगा। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रांगण में चिनार का पौधा रोपा और सीईडीएसए का दौरा किया। शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके खोसला ने गणमान्य अतिथियों का का स्वागत करते हुए पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने कहा कि इस प्रयास के माध्यम से उद्योग तथा शिक्षा क्षेत्र को एक साथ लाकर रोज़गार के अधिक अवसर सृजित करने में सहायता मिलेगी। इस अवसर पर शूलिनी विश्वविद्यालय के संस्थापक विशाल आनंद, आईडीएसए की अध्यक्ष रिनी सान्याल ने भी अपने विचार रखे। पंजाब सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की अतिरिक्त निदेशक सिमरजोत कौर ने भी इस अवसर पर ऑनलाईन अपने विचार रखे। शूलिनी विश्वविद्यालय के ई-लर्निंग के निदेशक डॉ. कमल कान्त वशिष्ठ ने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर शूलिनी विश्वविद्यालय की सरोज खोसला, पूनम नंदा, आईडीएसए के उपाध्यक्ष रजत बैनर्जी सहित अनके गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।