शिमला, 8 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां बताया कि 4 अप्रैल को हुए मंडी बस हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण मानवीय भूल बताया गया है, परंतु इस दुर्घटना की सघन जांच के लिए जिला दंडाधिकारी मंडी को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मंडी बस हादसे में दुर्घटनाग्रस्त बस की 2 अप्रैल को कार्यशाला में चालक द्वारा दिए गए प्रत्येक दोष की मरम्मत की गई थी तथा 3 अप्रैल को यह बस शिमला-मनाली रूट पर तैनात की गई थी। कार्यशाला में चालक द्वारा दिए गए दोषों की मरम्मत के लिए प्रत्येक कलपुर्जा भंडार में उपलब्ध था।
परिवहन मंत्री ने कहा कि चंबा में हुआ बस हादसा बैटरी की तारों में ईंधन आपूर्ति पाइप के पास शोर्ट सर्किट होने के कारण हुआ है।
उन्होंने कहा कि मंडी बस दुर्घटना में मृतकों और घायलों को तुरंत अंतरिम राहत प्रदान की गई। परिवहन निगम द्वारा मृतक चालक के परिवार और मृतक व्यक्ति (यात्री) के परिवार को 25-25 हजार रुपये एवं अन्य घायलों को 1.31 लाख रुपये की फौरी राहत दी गई।
परिवहन निगम द्वारा घायल यात्रियों के उपचार का पूर्ण व्यय वहन किया जा रहा है तथा निगम की नीति के तहत मृतक चालक की पत्नी को तुरंत नौकरी देने का प्रावधान किया जा रहा है।
परिवहन मंत्री ने कहा कि संयुक्त समन्वय मोर्चा द्वारा परिवहन निगम पर लगाए गए आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं है। वर्तमान में परिवहन निगम के पास कलपुर्जों और बसों की मरम्मत के लिए यांत्रिकों की कोई कमी नहीं है। निगम द्वारा हाल ही में वर्कशॉप के पीस मील कर्मियों को अनुबंध पर लाया गया है, जिससे बसों के रखरखाव में बढोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि निगम द्वारा कलपुर्जों की खरीद केवल वाहन निर्माता कंपनियों से ही की जाती है खुले बाजार से नहीं। उन्होंने कहा कि संयुक्त समन्वय मोर्चा के गैर जिम्मेदाराना ब्यान से यात्रियों और स्टाफ के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम प्रदेशवासियों को सुखद और गुणात्मक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा निगम के कर्मचारियों के कल्याण के लिए भी समयबद्ध रूप से आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।