नूरपुर, 15 मई। कांगड़ा जिले के नूरपुर उपमंडल की ममूह गुरचाल पंचायत के मैहरका गांव के 52 वर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति जिनका गत दिवस दिल्ली से अपने पैतृक गांव आते समय बीच रास्ते में निधन हो गया था का आज शनिवार को स्थानीय प्रशासन की देखरेख में कोविड प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान एसडीएम डॉ सुरेंद्र ठाकुर, तहसीलदार सुरभि नेगी, बीडीओ डॉ रोहित शर्मा तथा नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी आशा वर्मा सहित भाजयुमो के प्रदेश सचिव भवानी पठानिया भी उपस्थित रहे।
एसडीएम ने जानकारी दी कि यह व्यक्ति बेंगलूरु में काम करता था तथा तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वह अपने रिश्तेदारों के साथ गाड़ी से दिल्ली से अपने घर आ रहा था, कि तेज बुखार तथा सांस लेने में दिक्कत होने के कारण उसका रास्ते में ही अचानक निधन हो गया। उन्होंने बताया कि जब इस व्यक्ति की मौत की सूचना प्रशासन को मिली तो प्रशासन ने मृतक के पार्थिव देह को स्थानीय सिविल अस्पताल के शवगृह में रखवाने की व्यवस्था करवाई। उन्होंने बताया कि कोविड संक्रमण के लक्षण दिखने पर जब लाश का कोविड टेस्ट करवाया गया तो वह पॉजिटिव पाया गया।
सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि स्थानीय स्वयंसेविओं की मदद से उनके पैतृक गांव में पूरे कोविड प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार की रस्म निभाई गई। उन्होंने बताया कि उपमंडल में इन दिनों में कोविड के कारण जिन मरीजों की मौत हुई है प्रशासन अपनी देखरेख में उनके अंतिम संस्कार की रस्म निभा रहा है।
उन्होंने बताया कि उपमंडल के तहत 100 से अधिक स्वयंसेविओं ने कोविड के मरीजों की सहायता तथा इसके कारण किसी व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए अपनी सेवाएं देने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने बताया कि संकट के इस समय में प्रशासन को स्थानीय पंचायतों तथा स्वयंसेवियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित परिवार संकट की इस घड़ी में अपने आप को अकेला न समझे, प्रदेश सरकार तथा प्रशासन उनके साथ पूरी ताकत के साथ खड़ा है।
स्थानीय युवाओं ने निभाई अपनी अहम भूमिका
अंतिम संस्कार के दौरान स्थानीय युवाओं तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी अहम भूमिका निभाई। युवाओं ने प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई गई गाड़ी में शव को अंतिम स्थली तक पहुंचाया तथा उसके बाद अपनों का फर्ज भी निभाया। इस दौरान स्थानीय पंचायत प्रधान, मृतक के 12 वर्षीय बेटे तथा अन्य लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल के तहत पार्थिव देह को अंतिम विदाई दी।