शिमला, 16 जून। हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्ट) के हिमाचल प्रदेश पर्यावरण सूचना केंद्र द्वारा राज्य में हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पर्यावरण सूचना केंद्र द्वारा हरित कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में अभी तक चार सर्टिफिकेट कोर्स व प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं।
वित्त वर्ष 2018-19 में पहले सर्टिफिकेट कोर्स में ‘पीपल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर व पैरा-टैक्सोनॉमी’ विषय पर आयोजित किया गया। इसमें 11 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत दो सर्टिफिकेट कोर्स ‘बायोडायवर्सिटी रजिस्टर की तैयारी’ और ‘भारत सरकार-यूएनडीपी-जीईएफ परियोजना-सिक्योर हिमालय के तहत पीबीआर पर केंद्रित पैरा-टैक्सोनॉमी’ विषयों पर आयोजित करवाए जा चुके हैं। इन दोनों पाठ्îक्रमों में 23 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है। वर्ष 2020-21 में हिमाचल प्रदेश पर्यावरण सूचना केंद्र ने ‘मूल्य संवर्धन और एनटीएफपी (पशु मूल) का विपणन- जंगली मधुमक्खी पालन और प्रसंस्करण’ विषय पर सर्टिफिकेट कोर्स के अंतर्गत 14 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने राज्य के लिए इन प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों को मंजूरी प्रदान की है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात बहुत से युवाओं को निजी व सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हुआ है और अन्य स्वरोजगार से अपनी आजीविका अर्जित कर रहे हैं। हरित कौशल विकास कार्यक्रम का प्रमुख लक्ष्य कुशल जनशक्ति को रोजगार व स्वरोजगार की सुविधा प्रदान करना है। हरित कौशल विकास कार्यक्रम भारत वर्ष के युवाओं को पर्यावरण और वन क्षेत्र में लाभकारी रोजगार तथा स्वरोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु कौशल विकास एक पहल है। आधुनिकीकरण के युग में अधिकांश व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘सॉफ्ट’ या ‘ग्रीन’ कौशल के बजाय यांत्रिकी या तकनीकी कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि हरित कौशल स्थायी भविष्य के लिए पर्यावरणीय गुणवत्ता को संरक्षित करने में योगदान देता है और इसमें ऐसे रोजगार शामिल हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता की रक्षा करती है तथा ऊर्जा, अपशिष्ट और प्रदूषण को कम करने में सहायता प्रदान करती हैं।
हरित कौशल विकास कार्यक्रम पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के कौशल भारत मिशन के अनुरूप है। यह कार्यक्रम तकनीकी ज्ञान और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता वाले हरित कौशल श्रमिकों को विकसित करने का प्रयास करता है। यह कार्यक्रम पूरे देश में पर्यावरण सूचना केंद्र के विशाल नेटवर्क और विशेषज्ञताओं का उपयोग कर रहा है। हिमाचल प्रदेश पर्यावरण सूचना केंद्र की स्थापना भारत सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय सूचना के महत्व को समझते हुए एक योजना कार्यक्रम के रूप में की गई थी। पर्यावरण सूचना केंद्र का प्रयास महत्वपूर्ण पर्यावरण दिवसों को मनाना तथा निर्णय निर्माताओं, नीति नियोजकों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों, अनुसंधान कार्यकर्ताओं आदि को पर्यावरण संबंधी जानकारी प्रदान करना है।