शिमला, 13 मई। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला से राज्य के फार्मा उद्योग के प्रमुखों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता करते हुए उनसे सामूहिक रूप से महामारी से लड़ने के लिए अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य एशिया के फार्मा हब के रूप में उभरा है और पिछले एक साल से अधिक समय से कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ने में राष्ट्र की सहायता करने में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की 50 मिलियन टेबलेट भेजी थीं और हिमाचल प्रदेश ने मानवता की सुरक्षा के लिए इस वैश्विक प्रयास में एचसीक्यू का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ने में फार्मा उद्योग की भूमिका महत्वपूर्ण थी और फार्मा उद्योग के प्रमुखों ने न केवल कोविड-19 से लड़ने में राज्य सरकार को अपना पूरा सहयोग दिया, बल्कि सीएसआर के तहत सरकार को सहायता भी प्रदान की। उन्होंने इन मुश्किल परिस्थितियों में राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता स्वास्थ्य अधोसंरचना के लिए आर्थिक योगदान करने के लिए फार्मा कंपनियों का धन्यवाद किया। उन्होंने राज्य को ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान करने के लिए भी फार्मा उद्योग का धन्यवाद किया, जिसके कारण राज्य भंडारण क्षमता को लगभग 25 मीट्रिक टन बढ़ाने में सफलता मिली। उन्होंने फार्मा कंपनियों को ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, सिलेंडर आदि मेडिकल उपकरणों के लिए विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया।
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ठाकुर ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर अधिक घातक है और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हिमाचल प्रदेश पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए जीवन रेखा बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि यही नहीं, डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित कोविड किट और कई जीवनरक्षक दवाएं हिमाचल प्रदेश में निर्मित की जा रही हैं। उन्होंने फार्मा कंपनियों से अपने उत्पादन स्तर को बढ़ाने का आग्रह किया और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सभी आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में पेशेवर होने के नाते प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को फार्मा क्षेत्र में अग्रणी निर्यातकों में से एक बनाने के लिए फार्मा उद्योग की भागीदारी चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यापार में सुगमता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और उद्योगों के समर्थन के फलस्वरूप राज्य ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में 7वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति के दृष्टिगत फार्मा कंपनियों के श्रमिकों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर करवाने की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने फार्मा उद्योग को आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों और मुद्दों का भी शीघ्र निवारण किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभाग सिंह ने कहा कि ईएसआई अस्पताल काला अंब को शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले के काला अंब में 220 केवी के सब स्टेशन के निर्माण का कार्य आवंटित कर दिया गया है।
निदेशक एवं आयुक्त उद्योग हंसराज शर्मा ने मुख्यमंत्री एवं बैठक में उपस्थित अन्य अधिकारियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि फार्मा उद्योग में उत्पादन निर्बाध रूप से हो। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया।
हिमाचल प्रदेश राज्य ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता ने फार्मा उद्योग को पिछले साल लॉकडाउन के दौरान और कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी अपने उत्पादन को बनाए रखने में हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल बेहतर वातावरण प्रदान करता है बल्कि सुशासन, बेहतर कानून एवं व्यवस्था तथा बेहतर औद्योगिक संबंधों को भी सुनिश्चित करता है, जो औद्योगिक विकास के लिए वरदान हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि एसोसिएशन सीएसआर के तहत राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
मोरपेन के संजय सूरी, तिरुपति ग्रुप के अशोक गोयल, सन फार्मा के डॉ. ए.एच. खान, एक्मे लाइसेंस के विराल शाह, सिप्ला के संजय मिश्रा, बी.आर. सीकरी, फारमंेटा बायो-टेक के सुरेश उनियाल, डॉ. रेड्डी लैब्स के नारायण रेड्डी और चेतन, एबॉट के राकेश चितकारा, जायडस कैडिला के दीपक, ग्लेनमार्क के सत्य शिव देसाई और संजय सिंगला ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने मुख्यमंत्री से फार्मा उद्योग के श्रमिकों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर करवाने का भी आग्रह किया।