शिमला, 1 जून। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कोविड-19 से निपटने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं और इस संबंध में समय-समय पर आवश्यकतानुसार कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण कुछ लोगों की घर पर मृत्यु दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि इनमें कुछ मरीज ऐसे थे जिन्हें या तो कोविड पॉजिटिव पाया गया था और उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया था जबकि कुछ मरीज ऐसे थे जिन्होंने कोविड के लक्षणों की अनदेखी की और उनकी मृत्यु होने पर उनके कोविड पॉजिटिव होने का पता चला है। प्रवक्ता ने लोगों से कोविड के लक्षणों की अनदेखी न करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान करना चाहिए और सरकार द्वारा जारी किए गए सभी दिशा-निर्देशों व मानक संचालन प्रक्रियाओं का निष्ठा से पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक कोविड के 190485 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें से 3143 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव है या रिपोर्ट आनी बाकि है और यदि सांस लेने में परेशानी है तो उन्हें अस्पताल के ट्रायज क्षेत्र में उपचार के लिए दाखिल किया जाना चाहिए।
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स्वास्थ्य उपकेंद्र के दल को टेस्टिंग के लिए दी जाएगी प्रोत्साहन राशि
प्रवक्ता ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र के दल को कोविड-19 के लिए रैपिड एंटीजन टेस्टिंग में उनके कार्य प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। उन्होंने कहा कि 250 से अधिक टेस्ट करने पर स्वास्थ्य उपकेंद्र के दल को अधिकतम 11500 रुपये प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि प्रदेश द्वारा अधिसूचित सूची में क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, एमपीडब्लयू और आशा कार्यकर्ताओं में वितरित की जाएगी। इस प्रोत्साहन को प्राप्त करने के उपरांत हेल्थ वेलनेस सेंटर-स्वास्थ्य उप केंद्र या हेल्थ वेलनेस सेंटर-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड-19 सीसी पोर्टल पर प्रोत्साहन को सत्यापन के बाद कलेक्शन सेंटर के रूप में नामित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त टैली परामर्श की संख्या, ओपीडी में वृद्धि, दैनिक व मासिक रिपोर्टिग तथा डीवीडीएमएस पोर्टल के उपयोग को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए आधार बनाया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि यह ऐसे दलों से अपने कार्य प्रदर्शन को बढ़ाकर प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए टेस्टिंग, ट्रैकिंग तथा उपचार की रणनीति को सफल बनाने का आग्रह किया है।
दुर्गम क्षेत्रों में जीवन धारा के माध्यम से किए जा रहे हैं कोरोना टेस्ट
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए दूर-दराज के क्षेत्र के लोगों को जीवन-धारा के माध्यम से रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की सुविधा प्रदान की जा रही हैं। ऐसे क्षेत्रों के लोगों को उनके घर-द्वार पर कोविड संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए जीवन धारा मेडिकल मोबाइल यूनिट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि जीवन धारा के अंतर्गत की जा रही टेस्टिंग में अब तक प्रदेश के 7 जिलों में 10 मेडिकल मोबाइल यूनिट के माध्यम से 5267 रैपिड एंटीजन टेस्ट किए गए हैं। इनमें 543 मामले कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडी जिले में किए गए 1398 टेस्ट में 66, कांगड़ा में 1137 में 218, शिमला में 912 में 98, कुल्लू में 672 में 47, सोलन में 534 में 27, चंबा में 318 में 67 और सिरमौर जिले में 296 में 20 मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। जीवन धारा के माध्यम से किए जा रहे टेस्ट में पॉजिटिविटि दर 10.3 फीसदी है। प्रवक्ता ने कहा कि दूर-दराज व दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की कोविड टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए जीवन धारा के माध्यम से सुविधा प्रदान की जा रही है ताकि समय पर कोविड के मामलों का पता लगा कर उनका उपचार सुनिश्चित किया जा सके।