गुरुग्राम, 31 जुलाई। संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चौधरी संतोख सिंह ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों काले कानूनों से पूंजीपतियों को उत्पादक और उपभोक्ता के बीच में बिचौलिया बना दिया है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट पूंजीपतियों से सरकार ने खाद्य पदार्थों के स्टॉक लिमिट हटा दी है। इसलिए कॉरपोरेट पूंजीपति खाद्य पदार्थों की कितनी भी स्टोरेज कर सकते हैं। किसान अपनी मटर पांच रुपये से दस रुपये प्रति किलो तक बेचता है तथा कॉरपोरेट पूंजीपति उसी मटर को प्रोसेस करके 200 रुपये प्रति किलो तक बेचेगा। इस तरह से उत्पादक किसान और उपभोक्ता आम आदमी सभी का शोषण होगा।
उन्होने कहा की मार्केट पर पूरी तरह से कॉरपोरेट पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा और मार्केट पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि इससे महंगाई और भुखमरी बढ़ेगी।
किसान आंदोलन के 247वें दिन किसान, मजदूर और गुरुग्राम के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुख धरने पर बैठे। इनमें जयप्रकाश रेढू, बलवान सिंह दहिया, माइकल सैनी, डॉक्टर सारिका वर्मा, डॉक्टर हाइफा फारूकी,मलीहा अल्वी, मुकेश डागर, नवनीत रोजखेड़ा, कमांडेंट सत्यवीर सिंह, मनीष मक्कड़, योगेश्वर दहिया, दलबीर सिंह मलिक, रमेश दलाल, करण सिंह, राजवीर सिंह, राजीव कुमार, चिरंजीलाल, रोहित सैनी, राजेश शर्मा, मुकेश कौशिक, प्रमोद खत्री, मनोज झाड़सा, तनवीर अहमद, अमित पंवार, आकाशदीप, विजयवीर और नितिन कुमार भी शामिल थे।
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