नई दिल्ली, 2 अप्रैल। देश में लंबी दूरी की ट्रेन सेवाओं की बहाली और त्योहारों और गर्मी की भीड़ की संभावना के चलते मार्च के महीने में आरक्षित ट्रेन सीटों की मांग में तेज वृद्धि की उम्मीद थी। इस मामले को ध्यान में रखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने टिकट दलालों के खिलाफ अपने प्रयासों को तेज कर दिया और मार्च के महीने में पूरे देश में दलालों की गतिविधियों के खिलाफ एक देशव्यापी अभियान शुरू किया।
आरपीएफ की क्षेत्रीय इकाइयों ने क्षेत्र, डिजिटल और साइबर दुनिया से जानकारी इकट्ठा की। फिर सूचनाओं का मिलान, सत्यापन और विश्लेषण किया और 1 मार्च से पूरे देश में टिकट दलालों के खिलाफ अभियान शुरू किया।
आरफीएफ द्वारा शुरू किया गया यह अभियान बेहद सफल रहा और इसके परिणामस्वरूप 1459 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 341 अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट थे, लेकिन वे रेलवे टिकटों की दलाली में भी शामिल थे। इन आईआरसीटीसी एजेंटों को ब्लैकलिस्ट करने और 366 आईआरसीटीसी एजेंटों की आईडी और 6751 व्यक्तिगत आईडी को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। मार्च महीने में टिकट दलालों की गिरफ्तारी पिछले महीने यानी फरवरी 2022 के आंकड़े से करीब 3.64 गुना है। इन टिकट दलालों द्वारा अवैध रूप से खरीदे गए 65 लाख रुपये से अधिक मूल्य की भविष्य की यात्रा के रेलवे टिकटों को बरामद कर रद्द कर दिया गया है, जिससे ये सीटें सही मायने में हकदार रेलव यात्रियों को उपलब्ध हो गईं हैं।
ऑपरेशन उपलब्ध के तहत महीने भर का देशव्यापी अभियान ने दलालों की गतिविधियों पर काफी हद तक अंकुश लगाने और आम आदमी को रेलवे टिकट उपलब्ध कराने में समर्थ बनाया है। भारतीय रेलवे आम जनता को अनाधिकृत व्यक्तियों से टिकट न खरीदने की सलाह देता है, क्योंकि यह न केवल एक बार पता चलने के बाद रद्द हो सकता है, बल्कि टिकट लेने वाले को कानूनी परेशानी में भी डाल सकता है।
रेलवे टिकटों के दलालों के खिलाफ आरपीएफ द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन उपलब्ध अिभायान भविष्य में भी उसी जोश और तीव्रता के साथ जारी रहेगा।
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