आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की गुप्त नवरात्रि प्रारंभ (11 से 19 जुलाई तक)
सनातन धर्म में जहां जीवन को उर्ध्वगामी बनाने के लिए हमारे ऋषियों ने हमें शक्ति की आराधना का महत्व बताया है, जिसमें चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र की जानकारी सर्वविदित है।
सनातन धर्म में ऋषियों ने चैत्र और शारदीय के अतिरिक्त उन दो गुप्त नवरात्रि का भी जिक्र किया है, जिसमें भी देवी की साधना से वही फल मिलता है, जितना इन दो नवरात्रि में मिलता है।
इस बार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास में 11 से 19 जुलाई तक है।
जो साधक है या देवी माता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, जो जीवन की बाधाओं से, विरोधियों से मुक्ति चाहते हैं, उन्हें अतिरिक्त प्रयास करना होता है।
मानव अपने स्वयं की शक्ति से सब कुछ प्राप्त नहीं कर सकता। जो जीवन में सर्वश्रेस्ठ बनना चाहता है उसे चुनौतियों का सामना करना ही पड़ता है। इसके लिए उसे दैवीय शक्ति की आवश्यकता होती है, जो प्राप्त होती है साधना से और तप से।
कुछ आगंतुक या शिष्य जो मुझसे मिलते हैं उनका कहना है हम तो रोज देवी की आरती पूजा करते हैं पर जीवन के दुःख संताप कम ही नहीं होते, फिर मन में निराशा आ जाती है।
मात्र देवी की आरती कर लेने से सब कुछ नहीं मिल पाता। यदि आपको जीवन की ऊंचाइयों को छूना है, किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करनी हो चाहे वह दैहिक, सांसारिक, मानसिक, आध्यात्मिक या शत्रुओं पर विजयश्री आपको देवी शक्ति अर्जित करनी ही होगी।
स्वयं देवताओं ने असुरों के मर्दन के लिए देवी की आराधना की तब असुरों का दमन हुआ।
प्रश्न यह उठता है कि क्या आज के इस कालखण्ड में जहां भौतिकता चरम पर है वहां ये शक्तियां काम करती हैं।
अवश्य करती हैं और मेरा स्वयं का अनुभव है। इस घोर कलियुग में साधना में जितनी जल्दी सफलता मिलती है, उतनी शायद सतयुग में भी नहीं मिली होगी। मैं यह दावा इसलिए कर रहा हूं कि इतिहास में पढ़ने में मिलता है कि अमुक ऋषि ने सैकड़ों वर्षों के तप से साधना में सफलता अर्जित की। परंतु मेरे मार्गदर्शन में जिन लोगों ने सांसारिक जीवन में रहते साधना, तप किया उन्हें भी आशातीत सफलता कम समय मिली ही है।
जरुरत है योग्य मार्गदर्शक, योग्य गुरु की जो स्वयं इस पगडंडी पर चला हो और सफलता प्राप्त की हो। वही तुम्हें सही मार्गदर्शन कर साधनाओं में विजयश्री दिला सकता है।
हमारा सनातन साधक परिवार इन 9 दिनों में ’जो भी साधक साधना के क्षेत्र मे आगे बढ़ना चाहते हैं उन्हें मार्गदर्शन करेगा। साधको को कही आने-जाने की आवश्यकता नहीं, सांसारिक जीवन के दौरान वे घर में रह कर बताई विधि से साधना करें।
’हमारे संस्थान की तरफ से निर्णय लिया गया है कि अब हर माह आपको कुछ साधना करवाई जाएगी’
’आपको सभी साधनाओं की अनुभूति प्रदान की जाएगी। जिसमें नए और पुराने साधकों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।’
1. शक्ति साधना
’इस साधना के द्वारा साधक पाएगा यौवन और आभूषण तथा जीवन की समस्त खुशियाँ।’
2. लक्ष्मी साधना (तीन दिवसीय)
’साधक की सभी इच्छाओ की पूर्ति के लिए।’
3. सम्मोहन साधना
प्रेमी या प्रेमिका नाराज हो गई हो, पति, पत्नी, विरोधियों, अधिकारियों को अपने वश में करने के लिए।
4. साधना करने से पहले देह को तरोताजा करने के लिए विशेष मंत्र।
’जो भी साधक साधना के क्षेत्र मे आगे बढ़ना चाहते हैं वह इस ग्रुप को अवश्य ज्वाइन करें।’
-स्वामी श्रेयानन्द महाराज
संपर्क एवं व्हाट्सअपः 09752626564