आरती प्रथम पूज्यनीय गणेश जी की
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ आरती जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥ एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी । माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥ जय गणेश, जय गणेश… अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, … Continue reading आरती प्रथम पूज्यनीय गणेश जी की
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