खुशखबरीः बच्चों की भी कोरोना वैक्सीन आई, देश में बने जायडस कैडिला के टीके को मिली मंजूरी

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नई दिल्ली, 20 अगस्त। कोरोना महामारी से लड़ रहे विश्व के लिए एक अच्छी खबर आई है। भारत में डीएनए बेस्ड कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी प्रदान कर दी गई है। भारत में बनी जायडस कैडिला विश्व की पहली डीएनएन आधारित कोरोना वैक्सीन है। जायडस की इस वैक्सीन की खासियत है कि ये 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी लगाई जा सकेगी। इस वैक्सीन की कुल तीन डोज लगाई जाएंगी। देश में अब जल्द ही 12 साल से ऊपर के बच्चों का भी वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी के हवाले से बताया कि शुक्रवार को डीसीजीआई ने जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी जो दुनिया की डीएनए बेस्ड पहली कोरोना वैक्सीन है। इसे 12 साल और ऊपर के बच्चों और वयस्कों को लगाया जाएगा।


जायडस कैडिला की यह कोरोना वैक्सीन 3 डोज वाली है। इसका भारत में अबतक 50 से अधिक केंद्रों पर सबसे बड़ा क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। अहमदाबाद स्थित फार्मा कंपनी ने 1 जुलाई को वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के लिए डीसीजीआई के पास आवेदन भेजा गया था।
ZyCoV-D कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन होगी जिसे किसी भारतीय कंपनी द्वारा विकसित किया गया है। इस तरह से देश में मंजूरी पाने वाली यह यह छठी वैक्सीन है जिसे सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूस के स्पूतनिक-वी, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्‍सीन के बाद अनुमोदित किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक जेनेरिक दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड को ZyCoV-D के सिर्फ इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है।
लगभग 28,000 स्वयंसेवकों पर जायडस कैडिला की प्रभाव क्षमता 66.6 फीसदी रही। जानकारी के मुताबिक यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाली पहली प्लाज्मा डीएनए वैक्सीन है। इसमें वायरस के जेनेटिक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है। यह डीएनए या आरएनए को सूचना देते हैं ताकि प्रोटीन बने और इम्युन सिस्टम बढ़े। इस वैक्सीन का भारत में तीन चरण का ट्रायल हुआ है। इसकी 4-4 हफ्तों के अंतराल पर तीन डोज दी जाएगी। कंपनी की सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की योजना है।
इस वैक्सीन का 12 से 18 साल के लगभग एक हजार बच्चों पर भी ट्रायल किया गया और सुरक्षित पाया गया।
वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर भंडारण किया जा सकता है।
ये पहली plasmid डीएनए वैक्सीन है।
इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के जरिए दिया जा सकेगा। PharmaJet® एक सुई मुक्त ऐप्लिकेटर दर्द रहित इंट्राडर्मल वैक्सीन डिलीवरी सुनिश्चित करता है।
कंपनी का दावा है कि प्लग एंड प्ले तकनीक जिस पर प्लास्मिड डीएनए प्लेटफॉर्म आधारित है, वह कोविड-19 से निपटने के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है।

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